Chamoli Incident: विडियो हुआ वायरल, सब के मन में तैर रहा है बस यही सवाल, क्या जंगल से घास लाना गुनाह है? लेकिन पुलिस कुछ बोलने को नहीं है तैयार..
वैसे तो मित्र पुलिस के नाम से पहचानी जाने वाली उत्तराखण्ड पुलिस हमेशा ही मानवता की सेवा करने को तत्पर रहती है परन्तु राज्य के चमोली जिले से सामने आ रही एक घटना न केवल उत्तराखण्ड पुलिस के माथे पर कलंक का धब्बा लगा रही है। बल्कि इस घटना से पहाड़ के वाशिंदों के दिलों दिमाग में एक ही सवाल तैर रहा है कि क्या जंगल से घास लाना गुनाह है? अब इसका जबाव तो उत्तराखंड पुलिस या सत्ता के उच्च पदस्थ नेता ही दे सकते हैं। परंतु यदि इस तरह की घटनाओं का संज्ञान नहीं लिया जाता है तो ये न केवल समूचे उत्तराखण्ड के लिए शर्म की बात होगी बल्कि सदियों से जल जंगल जमीन की बात करने वाले राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का भी कुठाराघात होगा। हालांकि इस घटना के सामने आने के बावजूद उत्तराखण्ड पुलिस का अभी तक कोई भी स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।
(Chamoli incident)
अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक राज्य के चमोली जिले के हेलंग क्षेत्र का एक विडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल विडियो में उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों द्वारा घास ला रही महिलाओं के घास के गठ्ठर को छीनने का प्रयास किया जा रहा हैं और महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं। अब यह तो कानून के रखवाले और सत्तासीन नेता ही बता सकते हैं कि घास ला रही महिलाओं के साथ ऐसी बदसलूकी क्यों की जा रही है। वैसे भी यह हमारे समझ से परे है कि आखिरकार घास के गठ्ठर से वर्दीधारियों को इससे क्या नुकसान हैं और पहाड़ में जंगल से घास लाना कौन सी कानून की किताब में और कब से गैरकानूनी घोषित किया गया है? यह हालात तब है जब बीते रोज ही हमने हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व मनाया है।
(Chamoli incident)
सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।