Chamoli Deepa Murder Case: एक माह पूर्व दीपा की संदिग्धावस्था में हुई थी मौत, न्याय की गुहार लगा रहे मृतका के पिता एफआईआर दर्ज कराने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर..
गरीब, असहाय एवं पीड़ितों का सबसे बड़ा सहारा पुलिस ही होती है परन्तु जब पुलिस कर्मी ही पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की बजाय इधर-उधर भटकने को मजबूर करें तो क्या किया जा सकता है। राजस्व पुलिस की संवेदनहीनता को बयां करने वाली ऐसी ही एक खबर आज राज्य के चमोली जिले से सामने आ रही है जहां एक असहाय पिता बीते एक माह से अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं परंतु न्याय मिलना तो दूर की बात अभी तक उनकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। आलम यह है कि वह FIR दर्ज कराने के लिए तहसील और थाने के चक्कर काट रहे हैं परंतु अभी तक कोई भी सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। थक-हारकर अब उन्होंने तहसील प्रशासन को एक प्रार्थना पत्र दिया है।
(Chamoli Deepa Murder Case)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के हरिनगर लेटाल निवासी गोविंद राम की बेटी दीपा देवी की बीते 21 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। ससुरालियों द्वारा जहां इसे आत्महत्या बताया गया था। वहीं मृतका दीपा के पिता ने हत्या की आंशका जताते हुए ससुराल पक्ष पर दीपा को जहर देकर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया था। इसके लिए वह पहले राजस्व पुलिस तो फिर रेगुलर पुलिस में तहरीर दर्ज कराने पहुंचे बावजूद इसके अभी तक उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई है। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में थराली उपजिलाधिकारी का कहना है कि पटवारियों के कार्य बहिष्कार के बाद जिलाधिकारी चमोली ने राजस्व क्षेत्रों के सभी पुलिस कार्यों को रेगुलर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है। जिसके कारण रेगुलर पुलिस द्वारा ही वर्तमान में एफआईआर दर्ज की जाएंगी। वहीं रेगुलर पुलिस इसे तहसील प्रशासन की जिम्मेदारी बता रही है।
(Chamoli Deepa Murder Case)
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