Uttarakhand roadways bus news: टायरों की कमी बताया जा रहा है बसों के संचालित ना होने का कारण, टायर खराब होने से आफ रोड हो चुकी है ये सभी बसें…
अपनी उदासीन कार्यप्रणाली के चलते अक्सर चर्चाओं का हिस्सा बनने वाली उत्तराखण्ड रोडवेज से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि अब तक चालक परिचालकों की कमी से जूझ रहे उत्तराखण्ड परिवहन निगम को अब टायरों की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। ताज़ा मामला सीमांत जिले पिथौरागढ़ से सामने आ रहा है जहां टायरों के अभाव के कारण रोडवेज की लगभग 22 बसें बीते एक माह से वर्कशॉप में धूल फांक रही है। इन बसों के संचालित ना होने के कारण जहां रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रूपए का नुक़सान हो रहा है वहीं यात्रियों को भी आवाजाही के लिए वाहनों की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। जिससे यात्रियों की जमकर फजीहत हो रही है। सीमित मात्रा में बसों के संचालित होने से यात्री को महंगे दामों पर प्राइवेट टैक्सी, मैक्स आदि की राह देखने को मजबूर हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक रोडवेज में टायरों की कमी का कारण राज्य स्तर पर होने वाले टेंडर में हो रही देरी को बताया जा रहा है।
(Uttarakhand roadways bus news)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के रोडवेज वर्कशॉप में बीते एक माह से लगभग 22 बसें ज्यों की त्यों खड़ी है। आफ रोड हो चुकी इन बसों को टायर न मिलने के कारण जहां इनका संचालन नहीं हो पा रहा है वहीं टायरों की कमी के कारण निगम की अन्य बसों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस संबंध में उत्तराखंड परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक राजेन्द्र कुमार का कहना है कि पिथौरागढ़ डिपो को 2 अगस्त को अंतिम बार 8 नये टायर मिले थे, उसके बाद से टायरों की कोई भी खेप डिपो में नहीं पहुंची है। टायरों की कमी के कारण जहां वर्तमान में 30 बसों का संचालन बंद हो गया है वहीं समय पर टायर ना मिलने की स्थिति में पिथौरागढ़ डिपो की लगभग सभी सेवाएं लड़खड़ाने की संभावना भी रोडवेज के आला अधिकारियों द्वारा जताई जा रही है।
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