Kartik Joshi uttarakhand Leftinent: गौरवान्वित हुआ उत्तराखण्ड, भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बना कार्तिक, परिवार की सैन्य परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हासिल किया मुकाम…
यह शत प्रतिशत सत्य है कि बात जब भी देश की सेनाओं की होती है तो देवभूमि उत्तराखंड का नाम बड़े गर्व और सम्मान के साथ लिया जाता है। इसके पीछे राज्य के उन तमाम वीर सपूतों के वीरता, बलिदान एवं अदम्य साहस की हजारों कहानियां हैं जिन्होंने मां भारती की आन, बान और शान के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। राज्य की वर्तमान पीढ़ी भी सेना में जाकर देशसेवा करने को किस तरह लालायित रहती है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज भी जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देश की सेनाओं में तैनात सर्वाधिक युवा उत्तराखण्ड के ही हैं। इन युवाओं में से कोई अपने परिवार की सैन्य परम्परा को आगे बढ़ा रहा है तो कई युवा अपने परिवार के ऐसे पहले सदस्य भी हैं जो सेनाओं में भर्ती होकर अपने परिजनों का सीना गर्व से चौड़ा कर रहे हैं। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने परिवार की सैन्य परम्परा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का मुकाम हासिल किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के धनियाकोट निवासी कार्तिक जोशी की, कार्तिक की इस अभूतपूर्व सफलता से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
(Kartik Joshi uttarakhand Leftinent)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के धनियाकोट निवासी कार्तिक जोशी, भारतीय सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। बता दें कि अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के एलकोन इंटरनेशनल स्कूल से प्राप्त करने वाले कार्तिक ने आईपी यूनिवर्सिटी से बीटेक की डिग्री हासिल की है। जिसके पश्चात उनका चयन टेक्निकल एंट्री के तहत उनका चयन भारतीय सेना की इंजीनियरिंग रेजिमेंट में हुआ। बताते चलें कि कार्तिक के पिता कैलाश चंद जोशी जहां यूनीटेक कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर है वहीं उनकी माता शांति जोशी एक कुशल ग्रहणी है। जबकि उनके दादा रामदत्त जोशी 24 वर्षों तक भारतीय सेना में रहकर मां भारती की सेवा कर चुके हैं। अपने दादा के पदचिन्हों पर चलते हुए यह मुकाम हासिल करने वाले कार्तिक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादाजी रामदत्त जोशी, दादी दुर्गा जोशी एवं माता-पिता को दिया है।
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