Rishikesh glass floor bridge: इस ब्रिज की चौड़ाई 8 मीटर तथा लंबाई 132.3 मीटर होगी, अभी तक कांच का पुल बना है सिर्फ चीन में…
योग नगरी ऋषिकेश अब बहुत जल्दी चमकने जा रहा है जी हां तीर्थनगरी ऋषिकेश की पहचान बने लक्ष्मण झूले के बगल में गंगा नदी पर देश का पहला ग्लास फ्लोर ब्रिज तैयार किया जाएगा। जिसकी चौड़ाई 8 मीटर तथा लंबाई 132.3 मीटर तक होगी। अभी तक कांच का पुल सिर्फ चीन मे बना हुआ है। जिसे देखने लाखों पर्यटक जाते हैं। लेकिन अब उत्तराखंड के लक्ष्मणझूला सेतु के विकल्प के रूप में गंगा नदी पर बजरंग सेतु निर्माण किया जाएगा विभाग के अनुसार आगामी वर्ष 2023 के जुलाई माह में इस सेतु का निर्माण पूरा हो जाएगा।
(Rishikesh glass floor bridge)
यह भी पढ़ें- Good news: अल्मोड़ा में शुरू हुई बेहद सस्ती सिटी बस सेवा, जानिए खूबियां
बता दे कि थ्री लेन के इस बजरंग सेतु के लिए वर्तमान में गंगा के दोनों ओर फाउंडेशन का कार्य जारी है। बताते चले कि जुलाई 2019 में लोक निर्माण विभाग की सेफ्टी आडिट रिपोर्ट में इस पुल को असुरक्षित मानते हुए प्रशासन द्वारा इस पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से ही इस नए पुल की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी थी। नए पुल के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्रीय सड़क निधि में स्वीकृति के लिए भेजा गया था। जुलाई 2019 के बाद लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही बंद होने के कारण स्थानीय नागरिकों को भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। पर्यटन काल, कुंभ मेला और कांवड़ मेले में इस पुल की अहमियत सबसे महत्वपूर्ण है। जिस कारण इस पुल को समय पर तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग पर है।नए सेतु के लिए गंगा के दोनों किनारों पर फाउंडेशन का काम जारी कर दिया गया है।
(Rishikesh glass floor bridge)
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: बद्रीनाथ और केदारनाथ का सफर होगा अब बेहद आसान बनेगी 900मीटर सुरंग
बता दे कि सेतु के निर्माण हेतु बीस पाइल फाउंडेशन तैयार कर दिए गए है। बताते चले कि सेतु 133 मीटर लंबा तथा आठ मीटर चौड़ा होगा। बजरंग सेतु कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला थ्री लेन पुल होगा। इस पुल के बीच से छोटे चौपहिया वाहन गुजर सकेंगे। बजरंग सेतु के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए बनाई जाएगी। वही पुल के दोनों तरफ 1.5 मीटर का पैदल पथ भी होगा।इसके साथ ही पैदल पथ कांच का बना हुआ होगा। इस कांच की मोटाई 65 मिमी की होगी, जो कि बेहद मजबूत होता है। जिस पर खड़े होकर पर्यटक 57 मीटर की ऊंचाई से गंगा की बहती हुई जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे तथा इस पर चहलकदमी कर सकेंगे। इस पुल के निर्माण हेतु कुल 68 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। पहले चरण में लोक निर्माण विभाग को 18 करोड़ 78 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त की गई थी।
(Rishikesh glass floor bridge)
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड रोडवेज हमसफ़र एप से रखेगा अपने ड्राइवरों पर नजर, झपकी आने पर बजेगा अलार्म
बता दें कि बजरंग सेतु के दोनों ओर जिन टावरो का निर्माण किया जा रहा है उनकी ऊंचाई लगभग 27 मीटर होगी। इन टावरो की खासियत यह है कि यह केदारनाथ मंदिर की आकृति की तर्ज पर बनाए जाएंगे। जिनको दूर से देखने में केदारनाथ मंदिर की झलक पेश होगी। जिस प्रकार से लक्ष्मणझूला सेतु कई दशकों से देश विदेश के पर्यटकों एंव तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है, उसी प्रकार बजरंग सेतु भी आने वाले समय में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
(Rishikesh glass floor bridge)