MBPG Rashmi Lamgariya biography: बेटी ने रचा इतिहास, जानिए MBPG की प्रथम अध्यक्षा का ताज पहनने वाली रश्मि लमगड़िया के बारे में विशेष….
“कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो ”
इन चंद पंक्तियों को पढ़कर आपने थोड़ा बहुत अंदाजा तो लगा ही लिया होगा कि बात राजनीति की हों रही है। जी हां… आज बात पहाड़ की उस कुशल वक्ता की हो रही जिसने बीते रोज इतिहास रच दिया है। बात हो रही पहाड़ की उस बेटी की, जो न सिर्फ कुमाऊं के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज में छात्र-छात्राओं की आवाज बनकर सामने आई है बल्कि अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाकर मोतीराम बाबूराम राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी) की प्रथम अध्यक्षा भी बन गई है। हम बात कर रहे हैं रश्मि लमगड़िया की। बीते रोज हुए छात्रसंघ चुनावों में 1294 वोटों से विजय हासिल करने वाली रश्मि का नाम इन दिनों हल्द्वानी की सड़कों पर जमकर गूंज रहा है। बता दें कि छात्रसंघ अध्यक्ष के चुनाव में जहां रश्मि लमगड़िया को 2647 वोट मिले वहीं उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी एवं भूतपूर्व साथी कौशल बिरखानी को 1353 मतों से संतोष करना पड़ा जबकि एनएसयूआई के सूरज भट्ट 470 वोट से तीसरे स्थान पर रहे।
(MBPG Rashmi Lamgariya biography)
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से टिकट ना मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरी रश्मि ने अपनी मेहनत, मधुर स्वभाव से न केवल छात्र-छात्राओं का भरोसा हासिल किया है बल्कि अपने पूर्व संगठन एबीवीपी के घोषित प्रत्याशी कौशल बिरखानी को 1294 वोटों से करारी शिकस्त देकर विद्यार्थी परिषद के टिकट वितरण के तरीकों को पूरी तरह गलत साबित कर दिया है। बताते चलें कि वर्तमान में राजनीति विज्ञान से एमए कर रही रश्मि मूल रूप से नैनीताल जिले के ही ओखलकांडा ब्लाक की रहने वाली है। हालांकि उनका जन्म अल्मोड़ा जिले के धारानौला में हुआ है और यही से उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा भी प्राप्त की है।
(MBPG Rashmi Lamgariya biography)
आपको बता दें कि एक राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाली रश्मि के पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं। अब तक कई चुनावों में जीत हासिल कर चुके अपने पिता से ही रश्मि ने राजनीति की बारिकियां सीखी है। बताते चलें कि रश्मि की मां एक शिक्षिका हैं। परिवार में सबसे बड़ी रश्मि के दो छोटे भाई भी है। छात्रसंघ अध्यक्ष के पद पर निर्दलीय उतरने से पहले रश्मि एबीवीपी नैनीताल के जिला संयोजक की जिम्मेदारी निभा रही थी। एमबीपीजी कालेज में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के साथ ही वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गई थी और बीते पांच वर्षों में उन्होंने एबीवीपी के बैनर तले अनेक लड़ाइयां लड़कर छात्र-छात्राओं की मांगों को उठाया था। हालांकि एबीवीपी द्वारा अध्यक्ष पद पर कौशल बिरखानी को टिकट मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए न सिर्फ एबीवीपी को महिला विरोधी बताया था बल्कि कई अन्य आरोप भी इस छात्र संगठन पर लगाए थे।
(MBPG Rashmi Lamgariya biography)