Sindhu Reddy Air force: मूल रूप से बंगलुरु की रहने वाली सिंधु, कर्तव्य पथ में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान किया 144 हवाई लड़ाकों के साथ 4 अफसरों वाले वायुसेना के जत्थे का नेतृत्व…
गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड ने एक बार फिर देश दुनिया का मन मोह लिया। बता दें कि इस परेड में उत्तराखण्ड समेत कई राज्यों की सांस्कृतिक, पारम्परिक एवं ऐतिहासिक दृश्य झांकी के माध्यम से देखने को मिले वहीं तीनों सेनाओं ने युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर समूचे विश्व को भारत की सैन्य ताकत का एहसास कराया। सबसे खास बात तो यह है कि इस बार की गणतंत्र दिवस परेड में नारी शक्ति भी पूरी तरह छाई रही। जहां देश की महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झंडारोहण कर तीनों सेनाओं की सलामी ली, वहीं वायुसेना के दस्ते का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने किया।
(Sindhu Reddy Air force)
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: इस जिले के लड़कों को नहीं मिल रही है शादी के लिए लड़कियां जा रहे हैं नेपाल
जी हां… सिंधु रेड्डी, यही वह नाम है जो आज सुबह से देश दुनिया में छाया हुआ है। गूगल सहित तमाम जगहों पर लोग इस नाम को ही सर्च कर रहे हैं। चलिए अब आपको 144 हवाई लड़ाकों के साथ 4 अफसरों वाले वायुसेना के जत्थे का नेतृत्व करने वाली सिंधु रेड्डी के बारे में बताते हैं। मूल रूप से बंगलुरु की रहने वाली सिंधु ने बचपन से ही सेना में जाकर देशसेवा करने का सपना देखा था। हमेशा से ही आसमां में उड़ान भरने का सपना देखने वाली सिंधु ने जब इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत अपने पिता को NDA ज्वाइन करने के अपने सपने के बारे में बताया तो उन्होंने अपने दम पर आगे बढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि वह हरदम उसके साथ है। परंतु सिंधु को जैसे ही पता चला कि एनडीए में लड़कियां नहीं जा सकती तो एकपल के लिए वो मायूस हो गई परंतु उसने इंजीनियरिंग के जरिए एयरफोर्स में दाखिल होने का रास्ता ढूंढ निकाला।
(Sindhu Reddy Air force)
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पहाड़ के दो भाइयों ने नौकरी छोड़ शुरू किया मशरूम प्लांट वार्षिक टर्नओवर 24 लाख
बता दें कि इंजीनियरिंग के बाद सिन्धु ने एयर फ़ोर्स में अप्लाई किया और उसे सफलता मिल गई। जिसके पश्चात डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद आखिरकार उन्हें एयर फ़ोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में मौका मिला। इस दौरान उन्हें पहली तैनाती नॉर्थ और ईस्टर्न बॉर्डर्स पर मिली। सिन्धु अब चेतक और चीता हेलिकाप्टर्स में उड़ान भरती हैं। खासतौर पर पहाड़ों और घाटियों के ऊपर उड़ान भरना उन्हें बेहद पसंद है। गणतंत्र दिवस परेड में एयरफोर्स के दस्ते का नेतृत्व करने के बारे में पूछने पर सिंधु का कहना था कि जब लोग उनकी परेड देखकर वापिस जाएं तो वो याद रखें की कुछ भी नामुमकिन नहीं है। बड़े सपने देखिये और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कीजिए। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस परेड में इस बार एयर फ़ोर्स की थीम थी ‘भारतीय वायुसेना, सीमाओं से परे’. इसके साथ ही एयरफ़ोर्स की झांकी में बड़ा सा ग्लोब भी देखने को मिला, जिसका मकसद सीमा के पार जाकर की गई मानवीय सहायता को दर्शाना है।
(Sindhu Reddy Air force)