UK board 10th result: जीवन ने विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं खोया हौसला, दुःख का पहाड़ टूटने के बावजूद दी परीक्षाएं, कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम…
बीते दो सालों से पिता कैंसर के अंतिम स्टेज से जूझ रहे थे। इसी बीच उत्तराखण्ड बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो गई। बेटे ने ज्योंहि अपनी परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहा सहसा पिता का निधन हो गया। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में जब कोई भी टूट कर बिखर सकता है जीवन ने न सिर्फ पिता का अंतिम संस्कार एवं क्रिया कर्म कर बेटे का फर्ज निभाया बल्कि पहाड़ से भारी इस दुख को अपने विशाल हृदय की गहराइयों में दबाकर हाईस्कूल बोर्ड की परीक्षाएं दी। बात हो रही है मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के दूरस्थ गांव पोथिंग के रहने वाले जीवन जोशी की। उनके बुलंद हौसले और कड़ी मेहनत एवं लगन का ही परिणाम है कि बीते रोज घोषित उत्तराखण्ड बोर्ड के परीक्षाफल में जीवन ने प्रदेश की मैरिट सूची में 21वें स्थान हासिल किया है। सबसे खास बात तो यह है कि 94.80 प्रतिशत अंकों के साथ श्रेष्ठता सूची में स्थान बनाने वालों में जीवन बागेश्वर जिले के सरकारी विद्यालय के एकमात्र छात्र हैं। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
(UK board 10th result)
आपको बता दें कि एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले जीवन के पिता तारा दत्त जोशी गाजियाबाद की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। दो साल तक कैंसर से जूझने के पश्चात जब जीवन की बोर्ड परीक्षाएं चल रही थी उसी दौरान तारा दत्त जोशी ने अंतिम सांस ली। बताया गया है कि जिस दिन तारा का निधन हुआ, उस दिन उनके पुत्र जीवन की सामाजिक विज्ञान की परीक्षा थी। एक ओर परीक्षा का तनाव और दूसरी ओर पिता के निधन से जीवन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में अपना साहस और हौसला ना खोते हुए जीवन ने पहले पिता की चिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया बाद में अपनी परीक्षा दी। जीवन कहते हैं कि गमहीन माहौल में दिए गए इस प्रश्नपत्र में उन्हें सर्वाधिक 98 अंक मिले हैं। जीवन की मां लक्ष्मी देवी एक गृहिणी हैं। पति के निधन के बाद जीवन के साथ ही उन पर भी परिवार के भरण पोषण की सारी जिम्मेदारियां आ गई है। जीवन कहते हैं कि आर्थिक तंगी के कारण परेशानी तो है लेकिन उन्हें भगवान पर पूरा भरोसा है।
(UK board 10th result)