Uttarakhand ropeway project: उत्तराखण्ड में लगेगी रोपवे विनिर्माण इकाई, राज्य सरकार मुहैया कराएगी जमीन, चमोली रूद्रप्रयाग जिलों में भी बनाए जाएंगे दो रोपवे….
उत्तराखंड राज्य लगातार विकास की ओर अग्रसर होता जा रहा है। प्रदेश में कुछ प्रोजेक्ट पर कम जारी है। वहीं अब कुछ नए प्रोजेक्ट्स पर योजनाएं तैयार किया जा रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड में बनने वाली रोपवे विनिर्माण प्रोजेक्ट के बारे में। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद उत्तराखंड देश का पहला रोपवे विनिर्माण वाला राज्य बन जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की रोपवे विनिर्माण प्रोजेक्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराने की पेशकश पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी हामी दे दी है। इसके बाद रोपवे विनिर्माण की अवस्थापना, तकनीक, डिजाइन और शोध कार्यों में केंद्र सरकार अपना सहयोग देगी।
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दरअसल देश में रोपवे स्थापित करने वाली कंपनियां तो मौजूद है, लेकिन इसकी तकनीक और पुर्जे काफी हद तक यूरोपीय देशों पर निर्भर करती है। ऐसे में केंद्र सरकार रोपवे परियोजना को स्थापित करने के साथ–साथ इसके स्वादेशी पुर्जे और तकनीक तैयार करने पर भी कम कर रही है। नितिन गडकरी के मुताबिक प्रदेश में प्रस्तावित रोपवे परियोजनाओं का निर्माण कराने के साथ वह अन्य हिमालयी राज्यों को भी रोपवे प्रोजेक्ट में रोपवे से संबंधित स्वदेशी तकनीक व कलपुर्जे उपलब्ध कराएगा। केंद्र सरकार की अगले 5 सालों में पर्वतमाला योजना के तहत 1200 किमी से अधिक लंबाई के रोपवे की 250 से ज्यादा परियोजना का विकास पर योजना प्रस्तावित है।
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आपको प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बता दे कि राज्य में पर्वतमाला परियोजना के तहत 40 प्रस्ताव तैयार किए गए है। जिसके अंतर्गत रूद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग–केदारनाथ रोपवे और चमोली जिले के गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग का उपक्रम नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) काम कर रहा है। जिसमे केदारनाथ रोपवे पर 1200 करोड़ और हेमकुंड साहिब रोपवे पर 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के प्रस्ताव पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही इस संबंध में पर्यटन और उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की योजना पर काम होगा। राज्य सरकार का अवस्थापना विकास और रोड और रोपवे कनेक्टिविटी पर खास फोकस है। रोपवे विनिर्माण के लिए सरकार भूमि की जल्द तलाश करेगी।