Virendra Bhandari Army lieutenant: सेवानिवृत्त नाना ने पहनाई सेना की कैप, ओटीए गया से पास आउट होकर सेना की इंजिनियरिंग कोर में लेफ्टिनेंट बने वीरेंद्र….
Virendra Bhandari Army lieutenant
हमेशा से ही सेना में जाकर देश सेवा करने की तम्मन्ना रखने वाले राज्य के होनहार वाशिंदे अपनी काबिलियत, साहस और बहादुरी से न केवल मां भारती की रक्षा करते आए हैं बल्कि अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों से अपने माता-पिता के साथ ही समूचे प्रदेश को भी गौरवान्वित महसूस होने का सुनहरा अवसर देते आए हैं। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जो भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के सीमांत जिले पिथौरागढ़ के अस्कोट क्षेत्र के सलमगांव निवासी वीरेंद्र भंडारी की, जिन्होंने बीते शनिवार को ओटीए गया (बिहार) में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड के दौरान अंतिम पगबाधा पार कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का मुकाम हासिल किया है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: गरूड़ के अंशुमन बने सेना में लेफ्टिनेंट, पिता करते हैं सुरक्षा गार्ड की नौकरी
Virendra Bhandari Askot Pithoragarh
बता दें कि इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल करने वाले वीरेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चिल्ड्रन पैराडाइज पब्लिक स्कूल अस्कोट से प्राप्त की है। तदोपरांत उन्होंने हाईस्कूल, इंटरमीडिएट तक की शिक्षा बिड़ला विद्या मंदिर नैनीताल से प्राप्त करने के उपरांत सैन्य क्षेत्र की प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर सेना में सम्मिलित होने की दिशा में अपने कदम बढ़ाए। जिसके उपरांत उन्होंने ओटीए गया में प्रवेश लेकर अपना कठिन प्रशिक्षण शुरू किया। जहां से बीते शनिवार को वह लेफ्टिनेंट बनकर भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर जहां उनके नाना सेवानिवृत्त कैप्टन भूपेंद्र सिंह कन्याल ने उन्हें सेना की कैप पहनाकर अपनी खुशी का इजहार किया वहीं उनके पिता बलवंत भंडारी और मां सुनीता ने बेटे के कंधों पर सितारे सजाकर स्वयं वीरेंद्र को भारतीय सेना को समर्पित किया। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: सोमेश्वर के यशराज बने सेना में लेफ्टिनेंट NDA में हासिल की थी 17वीं रैंक