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Uttarakhand Jhanki republic day parade 2024

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देहरादून

इस बार उत्तराखंड की झांकी नहीं दिखेगी कर्तव्य पथ पर, नजर आएगी सिर्फ भारत पर्व में………..

Uttarakhand Jhanki 2024: इस बार कर्तव्यपथ की नहीं बल्कि लालकिले की शोभा बढ़ाएगी उत्तराखण्ड की झांकी, भारत पर्व पर आएगी नजर…

Uttarakhand Jhanki 2024
उत्तराखण्ड वासियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस बार उत्तराखंड की झांकी कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड समारोह में नजर नहीं आएगी। दरअसल ऐसा केंद्र सरकार के उस निर्णय से हुआ है जिसमें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाली झांकियों का तीन साल का रोस्टर तैयार किया गया है। ताकि सभी राज्यों को अपनी झांकियां प्रस्तुत करने का मौका मिल सके। विदित हो कि उत्तराखंड की झांकी विगत तीन वर्षों से कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) की शोभा बढ़ा रही थी। विगत वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शामिल हुई उत्तराखंड के मानसखंड की झांकी को समूचे देश में पहला स्थान भी हासिल हुआ था। लेकिन इस बार उत्तराखण्ड की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से 23 से 31 जनवरी तक लाल किले पर आयोजित होने वाले भारत पर्व में उत्तराखंड की झांकी दिखाई जाएगी। इसके लिए विकसित उत्तराखंड की थीम पर झांकी तैयार की जा रही है।यह भी पढ़ें- किसने दिया उत्तराखंड झांकी में बैकग्राउंड गीत कौन है गायक गायिका??

Republic day jhanki 2024
इस संबंध में सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग उत्तराखण्ड द्वारा मीडिया को बताया गया है कि झांकी का मॉडल तैयार कर लिया गया है। जिसकी थीम विकसित उत्तराखंड पर आधारित रखी गई है। बताया गया है कि इस बार लाल किले पर प्रदर्शित होने जा रही उत्तराखंड की झांकी के अग्र भाग में जहां पारंपरिक वेशभूषा में उत्तराखंडी महिला को स्वागत करते हुए दिखाया जाएगा वहीं इसके साथ ही पारंपरिक अनाज मंडुवा, झंगोरा, रामदाना व चौलाई की खेती व राज्य पक्षी मोनाल को प्रदर्शित किया गया है। जबकि झांकी के मध्य भाग की शोभा उत्तराखण्ड की परम्परागत शैली में बने होम स्टे को दिखाकर बढ़ाई जाएगी। होम स्टे के साथ ही स्वयं सहायता समूह में काम करते हुए स्थानीय महिलाओं व सुदूर पहाड़ों में सौर ऊर्जा व मोबाइल टावर को भी झाकी के मध्य भाग में प्रदर्शित किया गया है। इसके अतिरिक्त आखिरी भाग में ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे व भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड कनेक्टिविटी को दर्शाया गया है। इस झांकी के साथ उत्तराखण्ड के कलाकार पहाड़ की लोक संस्कृति पर आधारित पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए नजर आएंगे।

यह भी पढ़ें- कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी ने बनाया नया इतिहास, देश में मिला पहला स्थान

Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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