Uttarakhand UCC Bill: बुधवार को विधानसभा में होगी यूसीसी पर व्यापक चर्चा, पक्ष विपक्ष के विधायक लेंगे भाग, मतदान के बाद होगा बड़ा फैसला….
Uttarakhand UCC Bill
आखिरकार मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता यानि (यूसीसी) विधेयक पेश कर ही दिया। अब बुधवार को सदन में इस पर व्यापक चर्चा होगी, जिसके बाद विधानसभा में पास होने पर इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक एक अधिनियम बनकर समूचे प्रदेश में लागू हो जाएगा। बता दें कि समान नागरिक संहिता विधेयक के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस विधेयक को पेश किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा ‘‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम’’ के नारे भी लगाये गए। बताते चलें कि मंत्रिमंडल ने बीते रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दे दी थी।
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बताते चलें कि सेवानिवृत्त जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी को सौंपा था।जो कुछ इस प्रकार से है:-
- UCC के तहत सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होगी।
- वही पुरुष-महिला को तलाक देने के लिए समान अधिकार मिलेगा।
- लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को डिक्लेयर करना जरूरी है।साथ ही लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा भी होगी।
- लिव-इन में पैदा होने वाले बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा।
- महिला के दोबारा विवाह करने पर किसी भी प्रकार की शर्त नहीं है।
- अनुसूचित जनजाति इस मसौदे के दायरे से बाहर हैं।
- बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं की जा सकती है।
- शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
- उत्तराधिकार में लड़कियों को भी बराबर का हक दिया जाएगा।
- हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून होंगा।
- बिना तलाक एक से ज्यादा शादी पर पाबंदी।
- मुस्लिम को 4 शादी करने की छूट नहीं मिलेगी।
UCC लागू होने के बाद से क्या नहीं बदलेगा?
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धार्मिक मान्यताओं तथा धार्मिक रीति-रिवाज पर किसी भी प्रकार का कोई असर नहीं पड़ेगा।खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा आदि पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बता दें कि यूसीसी पर अधिनियम बनाकर लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में शामिल था। बता दें कि भाजपा द्वारा 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक के दौरान यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी गई थी। यूसीसी कानून बनने के पश्चात उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इससे पहले गोवा में पुर्तगाली शासन के समय ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के अंतर्गत उत्तराखंड में सभी नागरिकों के लिए एकसमान विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू किए जाएंगे ।
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