Badrinath dham Yatra 2024: आर्मी बैंड एवं ढोल नगाड़ों की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत और नृत्य के बीच भगवान बद्रीविशाल के जयकारों से गुंजायमान हो गई पूरी नगरी, सुध-बुध खो बैठे हजारों श्रद्धालु….
Badrinath dham Yatra 2024
आज की सबसे बड़ी खबर राज्य के चमोली जिले से सामने आ रही है जहां पूरे विधि-विधान से बद्रीविशाल के कपाट श्रृद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। मांगलिक स्वर लहरियों के बीच भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलते ही धाम में श्रृद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान जहां पूरी बदरीपुरी, भगवान बद्रीविशालों के जयकारों से गूंजायमान हो उठी, वहीं हल्की बारिश के साथ आर्मी बैंड एवं ढोल नगाड़ों की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बदरी विशाल की स्तुति ने वहां मौजूद श्रृद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुछ क्षण के लिए तो ऐसा लग रहा था कि श्रृद्धालु अपनी सुध-बुध खोकर भगवान की भक्ति में इतने लीन हो गए हैं कि उन्हें देखकर मां गंगा की पावन धारा भी बारिश की बूंदों के रूप में उनका अभिषेक करने आ गई हो।यह भी पढ़ें- खुल गए बाबा केदारनाथ के कपाट, भोलेनाथ के जयकारों से गूंजा धाम, देखें वीडियो
आपको बता दें कि इस पावन अवसर पर बद्रीविशाल की नगरी को ऑर्किड और गेंदे के 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। रविवार तड़के ब्रह्म मुहूर्त में बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान हो रहे वैदिक मंत्रों के उच्चारण से भक्तों के दिलों दिमाग में एक पावन ऊर्जा का संचार होने लगा। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, उद्धव जी एवं गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। तदोपरांत रावल ने बदरीनाथ मंदिर के द्वार दरवाजे पर लगी सील और राज दरबार के प्रतिनिधि कांता प्रसाद नौटियाल ने मंदिर के मुख्य द्वार का दरवाजा खोला। जिसके बाद सर्वप्रथम बदरीनाथ के रावल और बतला बड़वा ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश किया। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा पूरी तरह शुरू हो गई है। बताते चलें कि इससे पूर्व बीते दस मई को सर्वप्रथम बाबा केदार और फिर गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट श्रृद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे।
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