Martyr Havildar Basudev Paroda: मां भारती की सेवा करते हुए बसुदेव ने दिया अपना सर्वोच्च बलिदान, पिता भी है सेना के रिटायर्ड हवलदार….
Martyr Havildar Basudev Paroda
जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख से समूचे उत्तराखण्ड के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है। जहां ड्यूटी में तैनात उत्तराखंड का एक और जवान मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए हैं। शहीद जवान की पहचान हवलदार बसुदेव सिंह परोडा के रूप में हुई है। बताया गया है कि शहीद बसुदेव मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के गैरसैंण तहसील क्षेत्र के सारकोट गांव के रहने वाले थे। उनकी शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं समूचे प्रदेश में भी शोक की लहर दौड़ गई है। शहीद बसुदेव का पार्थिव शरीर कल सोमवार यानी ठीक रक्षाबंधन के दिन उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट मोटूगाड में किया जाएगा।
uttarakhand Martyr Basudev Paroda CHAMOLI अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के गैरसैंण तहसील क्षेत्र के सारकोट गांव निवासी बसुदेव सिंह परोडा, भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। इन दिनों उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के लेह लद्दाख क्षेत्र में थी। जहां एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान हुए ब्लास्ट में शेल्टर की चपेट में आने से शहीद हो गए हैं। इस हादसे में उनके साथ भारतीय सेना के दो अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनकी शहादत की पुष्टि करते हुए उपजिला अधिकारी गैरसैंण संतोष पांडे ने बताया कि शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर लेकर लेफ्टिनेंट अवतार सिंह की सैन्य टीम सोमवार सुबह 8 बजे उनके पैतृक गांव सारकोट पहुंचेगी। आपको बता दें कि चार भाईयों बहनों में सबसे छोटे बसुदेव ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई जीआईसी मरोड़ा से की थी। उनके पिता सेना से रिटायर हवलदार हैं। वह बीते अप्रैल में ही छुट्टियों पर घर आए थे। तब उन्होंने दीपावली पर फिर से छुट्टियों पर घर आने की बात कही थी।