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Chamoli School Girl tanisha rawat viral video News Bridge Issue chamtoli nala Narayanbagar
फोटो सोशल मीडिया Chamoli School Girl tanisha rawat viral video News

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चमोली की स्कूली छात्रा पूछती है मां पुल कब बनेगा? रोज जान जोखिम में डालकर जाती है स्कूल

Chamoli School Girl News Bridge Issue Narayanbagar: उत्तराखंड की नन्हीं छात्रा की पुकार “स्कूल जाना है, बस एक पुल चाहिए”

Chamoli School Girl News Bridge Issue Narayanbagar: बड़े बड़े मंचों से उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में विकास की बात करने वाली सरकार बहादुर की नजर समय पर अगर राज्य के चमोली जिले के चमतोली नाले पर पड़ जाती तो कितना अच्छा होता। जहां की एक मासूम छात्रा की गुहार आज हमें यह सोचने को मजबूर कर रही है कि क्या देश के हर बच्चे को शिक्षा तक पहुँच वास्तव में हासिल है? यह कहानी है आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली तनीषा रावत की, जो रोज़ स्कूल पहुँचने के लिए अपनी माँ की पीठ पर बैठकर उफनते चमतोली नाले को पार करती है — जान जोखिम में डालकर, सिर्फ पढ़ने की चाह में। इसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी नौनिहालों को पग-पग पर परीक्षा देनी पड़ती है, चाहें वह एक नाले को पार करने की बात ही क्यों ना हो।

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22 साल से लटकी मांग, अब बच्ची ने उठाई आवाज़ chamtoli nala bridge issue viral video

अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला राज्य के चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लॉक के कोट मदनपुर गांव से जुड़ा है। जहां गांव से इंटर कॉलेज कोटली तक पहुँचने के लिए बच्चों को एक उफनते नाले से होकर गुजरना पड़ता है, जिसे बरसात के दिनों में पार करना जोखिम भरा हो जाता है। बताया गया है कि पिछले दो दशक लगभग 22 वर्षों से यहां के ग्रामीण पुल की मांग करते रहे हैं, लेकिन हर बार आश्वासन मिलते हैं और काम अधूरा रह जाता है।

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यही कारण है कि आज यहां की रहने वाली एक छात्रा तनीषा रावत को सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो डालकर हुक्मरानों से पुल बनाने की गुहार लगानी पड़ रही है। तनीषा का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें तनीषा की मां आरती उसे अपने पीठ पर चढ़ाकर चमतोली नाला पार करा रही है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह तनीषा अपनी माँ आरती देवी की पीठ पर सवार होकर नाले को पार कर रही है, जबकि माँ पत्थरों और तेज बहाव के बीच लड़खड़ाती हुई उसे स्कूल पहुँचाने की कोशिश कर रही है।
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माँ की मजबूरी, बेटी की ज़िद – शिक्षा की लड़ाई chamoli school girl tanisha rawat viral video

इस संबंध में तनीषा की मां आरती देवी बताती हैं कि वह अपनी जान जोखिम में डालकर भी बेटी को पढ़ाना चाहती हैं, लेकिन हर दिन डर बना रहता है कि कब कोई हादसा हो जाए। घर में कुल चार बच्चे हैं, जिनमें तनीषा तीसरे नंबर पर है। बड़े बच्चे पहले ही इसी रास्ते को पार करते हुए चोटिल हो चुके हैं। आरती मानती हैं कि हर दिन बच्चों को नाले से निकालना किसी युद्ध से कम नहीं होता।

तनीषा की माँ आरती ने कहा है कि वह चाहती हैं उनकी बेटी पढ़-लिखकर कुछ बने, ताकि अगली पीढ़ी को यह संघर्ष न झेलना पड़े। वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी बारिश होती है, यह चमतोली नाला रौद्र रूप ले लेता है। कई बार बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और जब जाते हैं तो जान हथेली पर रखकर। ऐसे में पढ़ाई बाधित होती है और बच्चे मानसिक रूप से भी असुरक्षित महसूस करते हैं।
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प्रशासन को जानकारी, लेकिन अभी तक नहीं हो पाया समाधान chamtoli nala bridge issue Narayanbagar chamoli

आपको बता दें स्थानीय प्रशासन को इस समस्या की जानकारी वर्षों से है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहली बार 2003 में पुल बनाने की मांग रखी गई थी। उसके बाद से कई बार प्रस्ताव पास हुए, लेकिन कभी बजट में तो कभी तकनीकी कारणों से यह काम लटका ही रह गया। अब जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन कब तक आखिर बरसात में ही उफान पर आने पर इस तरह के नालों और वहां रहने वाले भोले भाले ग्रामीणों की सुध लेने की बात की जाएगी, यह अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है।

तनीषा की माँ की पीठ पर बैठी यह मार्मिक तस्वीर सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि हमारी प्रशासनिक व्यवस्था के साथ ही हमारे हुक्मरानों और सबसे अधिक हमारी सरकार पर एक बड़ा सवाल है कि क्या एक पुल बनवाना इतना कठिन है कि एक पीढ़ी पढ़ाई के लिए संघर्ष करते हुए बड़ी हो जाए? यह हालात उत्तराखण्ड के महज एक गांव के नहीं हैं, बल्कि बरसात के मौसम में उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों के है जहाँ बच्चों को स्कूल पहुँचने के लिए आज भी जूझना पड़ता है। जिसके वीडियो और फोटो भी आए दिन सामने आते रहते हैं। उम्मीद है कि तनीषा यह वीडियो, यह अपील, और यह सच्चाई हमारी सरकार मेहरबान के ज़मीर को झकझोर कर प्रतिबद्धता के वादे को याद दिलाएगी और शीघ्र इस स्थान पर पुल का निर्माण किया जा सकेगा।

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