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Baba Ramdev Patanjali cow Ghee fails test in Pithoragarh, fined, officer said not for eat uttarakhand latest news today
सांकेतिक फोटो Patanjali Ghee Pithoragarh news

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Patanjali Ghee Pithoragarh: सावधान! पिथौरागढ़ में बाबा रामदेव का पतंजलि घी जांच में फेल

Baba Ramdev Patanjali cow Ghee fails test in Pithoragarh, fined, officer said not for eat uttarakhand latest news today पिथौरागढ़ में पतंजलि घी जांच में फेल, कोर्ट ने लगाया 1.40 लाख का जुर्माना—दोनों लैब रिपोर्टों में मिली मिलावट

Baba Ramdev Patanjali cow Ghee fails test in Pithoragarh, fined, officer said not for eat uttarakhand latest news today: देश की नामी गिरामी कंपनियां किस तरह लोगों की जिंदगी को ताक पर रखकर खाद्य पदार्थों का निर्माण कर रही है इसकी बानगी उत्तराखण्ड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ से आई इस खबर से देखने को मिलती हैं। दरअसल देश-प्रदेश की नामी कंपनी पतंजली के घी में खामियां उजागर हुई है।

जी हां… पिथौरागढ़ जिले में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर बड़ी कार्रवाई हुई है। जिले में बिक रहे पतंजलि के “गाय के घी” का सैंपल राज्य और राष्ट्रीय—दोनों स्तर की प्रयोगशालाओं में फेल पाया गया। मिलावट की पुष्टि होने के बाद अदालत ने निर्माता, वितरक और विक्रेता पर मिलाकर 1 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
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2020 में उठाया गया था सैंपल, पहली जांच रुद्रपुर लैब में फेल

आपको बता दें कि यह प्रकरण 20 अक्टूबर 2020 को शुरू हुआ, जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने पिथौरागढ़ जिले के कासनी में स्थित करन जनरल स्टोर से पतंजलि के घी का सैंपल लिया। सैंपल को राजकीय खाद्य प्रयोगशाला, रुद्रपुर भेजा गया, जहां रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि घी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरता। पहली ही जांच में मिलावट की पुष्टि भी सामने आई।
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पतंजलि ने रिपोर्ट पर आपत्ति की, सैंपल राष्ट्रीय लैब भेजा गया—वहां भी हुआ फेल

रुद्रपुर लैब की रिपोर्ट के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने उस पर सवाल उठाए और पुन: परीक्षण की मांग की। निर्धारित ₹5,000 फीस जमा करवाने के बाद सैंपल को राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला, गाजियाबाद भेजा गया। 16 अक्टूबर 2021 को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम गाजियाबाद पहुंची। राष्ट्रीय लैब ने भी अपनी रिपोर्ट में घी को मानकों से बहुत नीचे बताया। यह रिपोर्ट 26 नवंबर 2021 को जारी की गई।
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1,348 दिन बाद कोर्ट का फैसला—निर्माता, वितरक और विक्रेता तीनों पर जुर्माना

पूरा रिकॉर्ड और दोनों लैब रिपोर्टों के आधार पर मामला 17 फरवरी 2022 को न्यायालय में पेश किया गया। अधिकारी दिलीप जैन ने अदालत में साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत किए। लगभग 1,348 दिन तक चली सुनवाई के बाद अपर जिलाधिकारी/न्याय निर्णायक अधिकारी योगेंद्र सिंह ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को फैसला सुनाया और तीनों पर जुर्माना लगाया। अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (निर्माता) पर ₹1 लाख, ब्रह्म एजेंसिज, पिथौरागढ़ (वितरक) पर ₹25,000 और करन जनरल स्टोर, कासनी (विक्रेता) पर ₹15,000 का जुर्माना लगाया है। अदालत ने साथ ही चेतावनी दी कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 का सख्ती से पालन अनिवार्य है।

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खाद्य सुरक्षा विभाग का दावा—“यह घी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह”

इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के असिस्टेंट कमिश्नर आर.के. शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस घी में मिली मिलावट उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। उनके अनुसार इसे सेवन करने से साइड इफेक्ट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है।
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जिले में बढ़ी चर्चा—बड़ी कंपनी पर बड़ी कार्रवाई

पतंजलि जैसे बड़े ब्रांड पर हुई इस कार्रवाई ने उपभोक्ताओं और स्थानीय संगठनों के बीच बहस छेड़ दी है। लोगों का स्पष्ट कहना है कि खाद्य गुणवत्ता पर किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं, चाहे कंपनी कितनी भी बड़ी क्यों न हो। यह पूरा मामला राज्य की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़ा करता है। सैंपल लेने से लेकर दो चरणों की जांच रिपोर्ट, कंपनी की अपील और अंत में कोर्ट के फैसले तक की लंबी प्रक्रिया ने एक बार फिर दिखाया कि खाद्य सुरक्षा मामलों में तेजी और पारदर्शिता कितनी जरूरी है।
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