anadolu yakası escort - bursa escort - bursa escort bayan - bursa bayan escort - antalya escort - bursa escort - bursa escort -
istanbul escort - istanbul escorts -
ümraniye escort - bursa escort - konya escort - maltepe escort - eryaman escort - antalya escort - beylikdüzü escort - bodrum escort - porno izle - istanbul escort - beyliküdüzü escort - ataşehir escort - van escort -
Connect with us

उत्तराखण्ड

पहाड़ी गैलरी

सिनेमा जगत

महज 12 वर्ष की शगुन उनियाल का पहाड़ी गीत हुआ रिलीज

देवभूमि उत्तराखंड के युवा यहां की सभ्यता एवं संस्कृति को प्रचारित-प्रसारित करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। यहां के युवा गीत-संगीत, पारम्परिक पोशाक पहनकर किए जाने वाले नृत्य, दिवारों पर सुन्दर चित्र उकेरकर एवं क‌ई अन्य माध्यमों से पहाड़ के वाद्ययंत्रों सहित सभ्यता एवं संस्कृति का प्रचार कर रहे हैं। बात गीत-संगीत के क्षेत्र ही करें तो पहाड़ के क‌ई युवा नये गीतों को अपनी मधुर आवाज में सुना रहे हैं तो कुछ युवा पुराने गीतों को न‌ए मेश‌अप में सुनाकर हर किसी को पहाड़ी संस्कृति से रूबरू कराने का काम कर रहे हैं। गायन के क्षेत्र में तो इन दिनों देवभूमि की बेटियों ने भी धूम मचा रखी है। आज हम आपको एक ऐसी ही नन्ही बिटिया से रूबरू करा रहे हैं जिसने गायन के क्षेत्र में छोटी सी उम्र में ही एक ऐसा मुकाम पा लिया है जो अपने आप में काबिले तारीफ है। जी हां हम बात कर रहे हैं टिहरी गढ़वाल जिले की रहने वाली 12 वर्षीय शगुन उनियाल की। संगीत के क्षेत्र में शगुन उनियाल एक ऐसा नाम है जो उत्तराखंड से बाहर दिल्ली में रहकर भी इतनी छोटी सी उम्र में पहाड़ की संस्कृति को अपने गायन से बचाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। आज हम आपको शगुन की एक ऐसी ही विडियो दिखा रहे हैं जो हाल ही में उनके यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई हैं। हमें उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि जय मां राजराजेश्वरी भजन आपको भी पसंद आएगा।




मूल रूप से टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के गांव कफना पट्टी कड़ाकोट के रहने वाले विजेंद्र प्रसाद उनियाल की बेटी शगुन उनियाल का जन्म दिल्ली के कुतुब विहार में हुआ था। और वर्तमान में भी वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रहते हैं। दिल्ली में रहकर भी पहाड़ी संस्कृति की परम्पराओं का भली-भांति निर्वाह करने वाले विजेन्द्र और उनकी पत्नी सुनीता के अनुसार उन्हें पहाड़ी संस्कृति से बहुत लगाव है। जिस कारण वे दिल्ली में रहकर भी अपनी पहाड़ी संस्कृति के रीति-रिवाजों को मनाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करते। उनकी इसी बात का असर बचपन से ही गायन में रूचि रखने वाली उनकी बेटी शगुन पर भी पड़ा जिसके कारण ही वह सात वर्ष की उम्र से ही गढ़वाली गीत गाने लगी। अब तक बहुत से गढ़वाली गीतों को अपनी मधुर आवाज में गा चुकी शगुन एक बार फिर हाल ही में गढ़वाली भजन जय मां राजराजेश्वरी लेकर आयी हैं। जिसमें उनके साथ राजेंद्र सिंह नेगी ने अपनी मधुर आवाज दी है। हमें उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह अत्यंत मधुर भजन आपके मन को शांति प्रदान करने में काफी हद तक सफल होगा।




More in उत्तराखण्ड

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top