Baba Bageshwar dham uttarakhand: धीरेंद्र शास्त्री देवभूमि की वादियों में, रामनगर में गोपनीय ऊर्जा संचय समागम का आज तीसरा दिन, कड़ी सुरक्षा में जारी है आयोजन
Baba Bageshwar dham uttarakhand: विश्वविख्यात बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में पहुंचे हैं। बताया गया है कि वह बीते बुधवार को रामनगर के एक निजी रिसॉर्ट में पहुंचे थे। इस दौरान वह पहाड़ी टोपी पहने हुए भी नजर आए। आज शुक्रवार को उनके दौरे का तीसरा दिन है। बताया गया है कि तीन दिवसीय इस कार्यक्रम को पूरी तरह गोपनीय रखा गया है। न ही कोई सार्वजनिक घोषणा हुई और न ही स्थानीय आम जन को इसमें शामिल होने की अनुमति दी गई है। रामनगर के अनंतम रिसॉर्ट में हो रहा यह समागम पूरी तरह उन्हीं श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित है, जिनका पंजीकरण पहले से हो चुका है। संख्या लगभग चार सौ बताई जा रही है, जिनमें अधिकतर अन्य राज्यों से पहुंचे हैं। आज सुबह पांच बजे से ही अंदरूनी हॉल में दरबार की शुरुआत हुई। इसके बाद योग, ध्यान, मंत्र जाप, हनुमान चालीसा पाठ और आंतरिक साधना से जुड़ी गतिविधियों का क्रम शुरू हो गया। कार्यक्रम रात साढ़े आठ बजे तक चलना है। हर गतिविधि अत्यधिक अनुशासित, सीमित और नियंत्रित दायरे में रखी गई है।
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dhirendra krishna shastri ramnagar uttarakhand: आपको बता दें कि रिसॉर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था किले जैसी सख्त है। प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की पहचान जांचने के बाद ही अनुमति दी जा रही है। बताया जा रहा है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सुरक्षा में निजी गार्ड्स के साथ-साथ लोकल प्रशासन भी सतर्क है। स्थानीय लोग आयोजन से पूरी तरह अलग रखे गए हैं, जिससे शहर में कौतूहल का वातावरण है। सूत्र बताते हैं कि समागम के उद्देश्य किसी भी प्रकार के प्रचार-प्रसार से दूर रहकर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचय और आंतरिक साधना हैं। शाम को यजमानों के साथ एक विशेष बैठक भी प्रस्तावित है जिसमें गूढ़ आध्यात्मिक चर्चाएं हो सकती हैं। आयोजन के अंतिम दिन यानी समापन से पहले एक विशेष सामूहिक साधना सत्र आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है। आपको बता दें कि इससे पूर्व बीते गुरुवार को समागम के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड की ये वादियां अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक रमणीक स्थान है, जहां पर यह समागम आयोजित हो रहा है उस नैनीताल जिले में जहां एक तरफ गुफाएं व कंदराएं हैं। वहीं दूसरी तरफ नीब करौरी बाबा का दिव्य स्थान है।
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