बिना किसी ट्यूशन लिए उत्तराखण्ड सीबीएसई की दूसरी टाॅपर बनी आस्था कंडवाल
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CBSE Result Class 10: आस्था ने बिना किसी ट्यूशन के पाया मुकाम, 497 अंक हासिल कर बनी उत्तराखण्ड की दूसरी टाॅपर..
आज जहां हर माता-पिता अपने बच्चों को कोचिंग/ट्यूशन भेजना चाहते हैं भले ही बच्चा कितना ही मेधावी क्यों ना हो। पहले तक जहां कोचिंग/ट्यूशन कमजोर बच्चों की अतिरिक्त पढ़ाई का जरिया होता है जिससे उन्हें परीक्षा में पास होने में मदद भी मिलती थी वहीं आज कोचिंग/ ट्यूशन बच्चों का भी शौक बनकर रह गया है। आज हर कोई छात्र-छात्रा ट्यूशन जाने को लालायित रहता है। उनका मानना होता है कि ट्यूशन जाकर ही अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। ऐसे बच्चों और उनके माता-पिता को आईना दिखाया है सीबीएसई दसवीं में (CBSE Result Class 10) उत्तराखंड की दूसरी टाॅपर आस्था कंडवाल ने। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के देहरादून जिले की होनहार छात्रा आस्था की, जिन्होंने बिना कोई ट्यूशन लिए हाईस्कूल की परीक्षा में 497 अंक प्राप्त किए हैं। बता दें कि आस्था ने बिना किसी ट्यूशन के अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और कंप्यूटर साइंस जैसे कठिन विषयों में भी शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। आस्था की इस उपलब्धि से जहां उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है वहीं पूरे क्षेत्र में भी हर्षोल्लास का माहौल है।
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उत्तराखण्ड की दूसरी टापर आस्था भविष्य में आईएएस अधिकारी बनकर करना चाहती है देशसेवा:- प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के देहरादून जिले के डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल ऋषिकेश की छात्रा आस्था कंडवाल ने सीबीएसई द्वारा घोषित हाईस्कूल के परीक्षा परिणामों में 497 अंक हासिल कर पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। बिना कोई ट्यूशन लिए इतनी शानदार उपलब्धि हासिल करने वाली आस्था का सपना भविष्य में आइएएस अधिकारी बनकर देशसेवा करने का है। बता दें कि ऋषिकेश के गुड्डू फार्म वॉर्ड नंबर-7 श्यामपुर में रहने आस्था के पिता राजकुमार कंडवाल गुड़गांव में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं जबकि आस्था की मां शीला कंडवाल एक कुशल ग्रहणी हैं। बताते चलें कि आस्था मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लाक के देवराना की रहने वाली है। आस्था का कहना है कि वह स्कूल के अतिरिक्त घर पर प्रतिदिन चार से पांच घंटे पढ़ाई करती थी। अपनी मां को सबसे बड़ी प्रेरणा मानने वाली आस्था ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। आस्था बताती है कि उन्होंने आज तक किसी भी विषय का ट्यूशन नहीं लिया।
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