पुलवामा एनकाउंटर में शहीद वीर मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की शहादत से जहाँ पूरा उत्तराखण्ड शोक की लहर में है , वही परिजन भी शोकाकुल में है। ऐसे माहौल में रिस्तेदार और पड़ोसी ढाढस बंधाने घर पहुँच रहे है। कुछ दिन पहले ही उनके घर पर ढाढस बंधाने आई एक महिला कहने लगीं, ‘दस महीने ही हुए थे, बेचारी की शादी को।’ इस पर निकिता बोल पड़ीं, “बेचारी नहीं हूं मैं”। फिर सास से बोलीं, मम्मी आप बेचारे हो क्या? क्यों इतना रो रहे हो? क्यों मुझे बेचारी कहा जा रहा है? ऐसा ही फिर कुछ हुआ है उनके परिजनों के साथ लेकिन अब तो ढाढस बंधाने आये लोगो को परिजनों ने खरी खोटी सुना दी। जानकारी के अनुसार नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की। इस दौरान कुछ लोगों के द्वारा फोटो खींचने पर परिजन भड़क गए और खरी खोटी सुनाई। गुस्सा बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष को वहां से लौटना पड़ा।
⇒मेजर शहीद विभूति की पत्नी निकिता का गुस्सा फुट पड़ा ढाढस बंधाने घर आई एक महिला के इन शब्दो पर
बता दे की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की। इस दौरान उनके साथ गए कुछ लोग मोबाइल से शहीद परिवार की फोटो लेने लगे। फोटो लेने तक तो सही है , यहाँ कुछ ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जिस पर दुःख से आहत परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने न केवल इन लोगों बल्कि नेता प्रतिपक्ष को भी खूब खरी- खोटी सुनाई। इसके साथ ही अपील की कि वह इस वक्त उनक परिवार असहनीय पीड़ा से गुजर रहा हैं, पर कुछ लोग संवेदना के नाम पर उनकी निजता से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
हरदा गए शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी और शहीद मेजर विभूति के घर और संवेदना व्यक्त की:
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार को शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट व मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के घर पहुंचे और उन्होंने परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। परिजनों से उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में वह उनके साथ हैं। किसी भी प्रकार की सहायता की जरुरत हो वह करेंगे। इसके साथ ही हरदा पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी के घर भी गए। जहाँ शोकाकुल परिवार को उन्होंने ढांढस बंधाया और अपनी संवेदना व्यक्त की