बॉलीवुड दंगल गर्ल’ बबिता पहुंची देहरादून और फैंस से बोली दून की वादियों की हो गयी हूँ कायल
वैसे तो उत्तराखण्ड में बड़ी बड़ी फ़िल्मी हस्तियों और क्रिकेटरों की आवाजाही लगी रहती है , लेकिन आज एक विशेष हस्ती उत्तराखण्ड की खूबसूरत वादियों में पहुंची है, जी हां हम बात कर रहे है बॉलीवुड की धमाकेदार फिल्म दंगल में अभिनय कर चुकी बबिता फोगाट की। दंगल गर्ल ‘बबीता देहरादून पहुंची तो फैंस की भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ी। वैसे इस से पहले फ़रवरी 2017 में भी बबिता देहरादून की वादियों में आ चुकी है।
बता दे की दंगल फेम बबीता यानी सान्या मल्होत्रा यहां एक जूतों के शोरूम का उद्घाटन करने आईं थीं। उनके दून पहुंचते ही फैंस सेल्फी लेने के लिए बेताब हो बैठे। सान्या ने इस दौरान अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में भी बताया। सबसे पहले तो उन्होंने दून के खूबसूरत मौसम की बेहद तारीफ करते हुए कहा ” मैं यहां आकर बहुत खुश हूँ, मैं तो पहली बार में ही देहरादून और यहां के फैंस से प्यार कर बैठी हूं”। कद को लेकर किए गए सवाल पर सान्या बोलीं कि इंडस्ट्री में कद या शरीर की बनावट मायने नहीं रखती और यही आपकी कामयाबी और मेहनत का पैमाना होता है।वहां मौजूद लोगों के सवालों का भी उन्होंने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। दंगल फिल्म से नेम फेम पा चुकीं गीता की छोटी बहन बबीता फोगाट यानी सान्या अब नवाजुद्दीन सिद्दिकी की अगली फिल्म ‘फोटोग्राफी’ में नजर आएंगी।
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इससे पहले उन्होंने हाल ही में आई फिल्म ‘बधाई हो बधाई’ में अपने काम से सुर्खियां बटोरीं थीं। इसके अलावा ‘पटाखा’ फिल्म में भी उनका अभिनय सराहा गया। इस फिल्म में उन्होंने बहन के साथ हर समय लड़ने वाली चुलबुली लड़की का किरदार निभाया था। बबिता कहती है की वह किसी एक किरदार में सिमट कर नहीं रहना चाहतीं है । बल्कि, हर किरदार में खुद को ढालना चाहतीं हैं और हर किरदार को एक नए अंदाज में पेश करने में उन्हें बहुत रूचि है। दून की वादियों की ऐसी कायल हुई सान्या की आखिरी में उन्होंने कह ही दिया की वह दून आकर इतनी खुश है कि वह एक दिन रूककर यहां की वादियों का लुत्फ उठाएंगी ।
दून में इस से पहले दंगल गर्ल्स गीता और बबीता ने आजमाए थे दो-दो हाथ: -देहरादून के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओर से स्वास्थ्य जागरूकता के लिए फ़रवरी 2017 में आयोजित ‘वॉक दून वॉक’ कार्यक्रम में भाग लेने आई दोनों बहनों ने दून वासियों के सामने दो-दो हाथ भी आजमाए।अपने बचपन को याद करते हुए बबीता ने कहा था कि मेरे पिता महावीर फोगट खुद जाने माने पहलवान थे। छोटी उम्र में ही उन्होंने हमें पहलवानी सिखाना शुरू कर दिया था और तब वह सभी भाई-बहनों को तड़के साढ़े तीन बजे जगा देते थे। आज भी हम सभी बहनें तड़के साढ़े तीन बजे उठ जाती हैं।
