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alt"=Deepak Chauhan brought rafael from france to India"

उत्तराखण्ड

नैनीताल

उतराखण्ड के लिए गौरवशाली पल फ्रांस से राफेल लेकर आए दीपक चौहान, नैनीताल से की है पढ़ाई

फ्रांस से राफेल उड़ाकर देश की धरती पर सफल लैंडिंग कराने वाले दीपक (Deepak Chauhan) ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से की है 12वीं तक की पढ़ाई..

देवभूमि उत्तराखंड को सदा से वीरभूमि के रूप में जाना जाता है, न सिर्फ यहां के वाशिंदे सैन्य सेवाओं में जाने को लालायित रहते हैं बल्कि यहां स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल और आईएमए देहरादून ने भी क‌ई बहादुर जवान देश की सेनाओं को समर्पित किए हैं। जो समय-समय पर देश का मान बढ़ाते रहे हैं। आज हम आपको देश के एक ऐसे ही वीर सपूत से रूबरू करा रहे हैं जो देश के लिए सबसे बड़े लड़ाकू विमान राफेल को फ्रांस से उड़ाकर लाए हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के नैनीताल जिले में स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से 12वीं तक की शिक्षा उप्तीर्ण करने वाले स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान (Deepak chauhan) की, जो देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने जा रहे राफेल (RAFALE)  फाइटर प्लेन को फ्रांस से उड़ाकर भारत लाने वाले पांच सदस्यीय पायलट दल में शामिल हैं। इसी कारण दीपक आज पूरे देश में चर्चाओं में भी है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। परिजन काफी खुश हैं। हों भी क्यों ना उनके लाल ने राफेल लाकर देश की सेनाओं को मजबूती जो प्रदान की है।
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दीपक इससे पहले भी उड़ा चुके हैं मिग-21, मिराज, और जगुआर जैसे क‌ई लड़ाकू विमान, एनडीए में पाई थी पहली रैंक:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा मंडल में स्थित मैनपुरी जिले के रहने वाले दीपक चौहान फ्रांस से राफेल उड़ाकर भारत लाने वाले पांच सदस्यीय पायलट दल में शामिल हैं। राफेल को भारत लाने से पहले एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान और उनकी टीम ने करीब नौ महीनों तक फ्रांस में इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया। बताया गया है कि राफेल डील फाइनल होने के बाद ही यह पायलट दल प्रशिक्षण के लिए फ्रांस को रवाना हो गया था। दीपक इससे पहले मिग-21, मिराज और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान भी उड़ा चुके हैं। बता दें कि 7000 किमी दूर फ्रांस से राफेल को उड़ाकर अम्बाला कैंट में सफल लैंडिंग कराने वाले स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान के पिता दुखहरण सिंह भी भारतीय सेना में नायब के पद पर तैनात रहे हैं। बताते चलें कि 1986 में जन्मे दीपक चौहान पढ़ाई में भी बचपन से ही मेधावी रहे हैं। शहर में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से पांचवीं तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले दीपक ने 12वीं तक की पढ़ाई उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से हुई। तत्पश्चात उन्होंने 2003 में एनडीए की परीक्षा पहली रैंक से उप्तीर्ण की और फिर 2007 में एयरफोर्स में कमीशन प्राप्त किया।

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