डीएम मंगेश घिल्डियाल जो हमेशा अपने अनूठे काम की वजह से चर्चाओं मे रहते है और दुसरो के लिए हमेशा ही प्रेरणास्रोत रहे है , राजनीति से मिलो दूर रहने वाले ऐसे जाबांज अफसर जो समाजसेवा के लिए हमेशा आगे रहते है। डीएम मंगेश घिल्डियाल जो पुरे उत्तराखण्ड के लोगो के दिलो में अपनी अमिट छाप बना चुके है।रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वजह ये है कि जिलाधिकारी को हर उस जगह सक्रिय देखा जा सकता है, जहां लोगों की प्रशासन से उम्मीद होती है।डीएम मंगेश घिल्डियाल हमेशा गरीब और असहाय बच्चों के स्वर्णिम भविष्य के लिए अपना पूरा योगदान देते है।
बता दे की जिले में ठंड का बढ़ता प्रकोप देख डीएम मंगेश घिल्डियाल ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय धारकोट, कुरझण और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरझण के 77 छात्र-छात्राओं को अपनी व्यक्तिगत धनराशि से ट्रैक सूट वितरित किए। जब उन्होंने ठण्ड में ठिठुरते निर्धन बच्चो को देखा तो उनका ह्रदय पिघल गया, और तुरंत अपने वेतन से उनके लिए ट्रैक शूट का आर्डर दे दिया। साथ ही छात्र-छात्राओं को गणित में गुणनखंड, लघुत्तम समापवर्तक, महत्तम का पाठ भी पढ़ाया। ऐसा नहीं है की ये पहली बार हुआ हो उन्होंने इस वर्ष का अपना जन्मदिन भी अपने गोद लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालय सतरेखाल के बच्चों के साथ मनाया। उन्होंने बच्चों के साथ केक काटा। ये पहली बार नहीं था जब जिलाधिकारी बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आए। कभी वे शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में पढ़ाते हुए मिल जाते हैं तो कभी पोषणाहार की गुणवत्ता जांचने के लिए बच्चों संग जमीन पर बैठ भोजन करते हुए। वर्तमान में उनके गोद लिए विद्यालय में 34 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे है। डीएम मंगेश ने बच्चों को पाठ्यक्रम से संबंधित सभी किताबें, कापी, लेखन सामग्री और बैग भी उपलब्ध कराये है। वे हमेशा बच्चो की आर्थिक मदद के लिए तत्पर रहते है।
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जिलाधिकारी की पत्नी भी समाज सेवा में तत्पर :जिलाधिकारी के साथ ही उनकी पत्नी भी समाज सेवा में हमेशा ही आगे रहती हैं। ऊषा घिल्डियाल नि:स्वार्थ भाव से छात्राओं के भविष्य को संवारने का काम करती हैं। वे जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में वह नवीं व दसवीं की छात्राओं को न सिर्फ नियमित रूप से अंग्रेजी पढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स भी देती हैं। इससे पहले वह प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने के साथ ही गणित, विज्ञान, अंग्रेजी के साथ-साथ बच्चों को राजीव गांधी व जवाहर नवोदय सहित सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करा चुकी हैं। वह रोज कई घंटे स्कूल में नियमित छात्राओं को पढ़ाती हैं। यहीं नहीं वह समय-समय पर छात्राआें के बीच किसी ज्वलंत विषय, मसलन साफ-सफाई, पर्यावरण, दहेज, बालिका शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, पलायन, जल, जंगल और जमीन जैसे विषयों पर वाद-विवाद भी करवाती हैं।