ग्रामीण महिलाओं को खेतों में धान काटते देख जिलाधिकारी वंदना सिंह चौहान (DM Vandana Chauhan) ने भी उठाई दरांती और खेतों में जाकर महिलाओं के साथ काटने लगी फसल..
हमेशा जनसमस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहने वाली आईएएस अधिकारी वंदना सिंह (DM Vandana Chauhan) की एक और नेक तस्वीर रुद्रप्रयाग जिले से सामने आ रही है। जहां जिलाधिकारी ने गांवों के भ्रमण के दौरान जब महिलाओं को खेत में धान कटाई करते देखा तो वह भी खेतों में जाकर धान कटाई में महिलाओं का साथ देने लगी। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ धान की कटाई एवं मढाई सिखी बल्कि खेती का जायजा लेकर उसमें आने वाली आम समस्याओं से भी रूबरू हुई। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब आईएएस अधिकारी वंदना सिंह चौहान का यह रूप देखने को मिला बल्कि इससे पहले पिथौरागढ़ जिले में बतौर मुख्य विकास अधिकारी रहते हुए भी वह गांव की महिलाओं के साथ खेतों में काम करते हुए नजर आई थीं। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के लिए हमेशा संघर्षशील रहने वाली डीएम वंदना सिंह के इस कार्य ने जहां स्थानीय लोगों को पूरी तरह चौंका दिया वहीं ग्रामीण डीएम के इस कार्य की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। उनका कहना है कि डीएम का यह व्यक्तित्व उन्हें खासा पसंद आया है, अधिकारियों को इसी तरह का मिलनसार व्यवहार आम जनता से रखना चाहिए।
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गडमिल गांव के दौरे पर पहुंची डीएम ने न सिर्फ महिलाओं के साथ की धान की कटाई-मढाई बल्कि उनकी समस्याओं को भी जाना:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के रूद्रप्रयाग जिले की जिलाधिकारी वंदना सिंह चौहान बीते मंगलवार को अगस्त्यमुनि ब्लॉक के गडमिल गांव में खेतों की मानक पैदावार का जायजा लेने पहुंची थीं। बता दें कि इन दिनों ब्लाक के विभिन्न गांवों में धान कटाई का जोरों पर है। बीते मंगलवार को भी गडमिल गांव की महिलाएं अपने खेतों में धान की कटाई कर रही थी। इसी दौरान जिलाधिकारी वंदना सिंह चौहान वहां पहुंच गई। गांव पहुंचकर जब डीएम ने महिला किसानों को खेतों में काम करता हुआ देखा तो उन्होंने अचानक ही दरांती उठाई और फसल की कटाई करने के लिए खेलो में चली गई। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ खेतों में धान कटाई की बल्कि ग्रामीण महिलाओं से बातचीत कर उनकी समस्याओं को भी जाना। इस दौरान उन्होंने धान की फसलों की बुवाई-कटाई में होने वाली आम समस्याओं के बारे में भी महिलाओं से बातचीत की। डीएम ने गांव के खेतों का जायजा लेते हुए महिलाओं के साथ 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में धान की कटाई व मंडाई की गई, जिसमें पांच किलो से अधिक धान उत्पादित हुआ। डीएम ने कहा कि किसानों के साथ इस तरह फसल कटाई करने से अधिकारियों को न सिर्फ जिले में हो रहे उत्पादन की जानकारी मिलती है बल्कि फसल के औसत पैदावार की गणना व नुकसान या फसल खराब होने के आकलन का भी पता चलता है।
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