यात्रा वृतांत :मानसून की चादर से ढका वातावरण और गौरी कुंड से होते हुए केदारनाथ की यात्रा
फिर एकदम से मौसम बदल गया बारिश होने लगी पर हम अपने साथ रेनकोट लेके आए थे, जो हमे किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा सबसे रोमांचक करने वाला रास्ता तो वो था , जहाँ हम पत्थर के बने रस्ते से पानी के ऊपर निकले, फिर अगला चेकपॉइंट था भीमबली , यहाँ से केदारनाथ 10 किमी. दूर था।फिर हमने आगे जाकर देखा की पुराना रास्ता कैसा है , जो की आपदा के वक़्त टूट चूका था ,और सिर्फ 14 किमी. का था।फिर हम रामबाड़ा पहुंचे , हमने लगभग 10 किमी. तय कर दिया था। अगला चेकपॉइंट था ,लिंचोली , जहाँ तक हमने 14 किमी. पार कर लिया था। फिर हमे थोड़े ही आगे साइन बोर्ड दिखा जिसमें लिखा था, केदारनाथ 1.5 किमी. तो मन में ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। थोड़ी ही आगे जाकर हमे केदारनाथ जी का भव्य मंदिर दिखने लगा और घंटियों की आवाज़ सुनते ही ह्रदय गद- गद हो उठा। यहाँ पहुँच कर ऐसा लगा जैसे हम जन्नत में पहुंच गए हो। अंत में हमने मंदिर के दर्शन करे और अगले दिन वापस लौट गए।
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