Uttarakhand Kemu bus news: पर्वतीय क्षेत्रों मे नैनीताल समेत कई नए रूटों पर दौड़ेंगी केमू की बसें, कुमाऊं कमिश्नर की अनुमति का इंतजार
ग्रीष्मकालीन अवकाश पडते ही मैदानी क्षेत्रों के पर्यटक पहाड़ों का दीदार करने के लिए भारी संख्या में पर्वतीय क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ लोग तो अपनी निजी गाड़ियों तथा टैक्सियों से पर्वतीय क्षेत्रों के पर्यटक स्थलों तक पहुंच रहे हैं । कुछ लोग बसो तथा ट्रेनो का सफर करके हल्द्वानी तक तो आसानी से पहुंच रहे हैं लेकिन पर्वतीय क्षेत्र की और जाने के लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है। बता दें कि रोडवेज परिवहन निगम के पास पहाड़ी क्षेत्रों के लिए छोटी बस होने के कारण बस स्टेशन पर बसों में चढ़ने के लिए पर्यटकों की धक्का-मुक्की चल रही है, वहीं कई लोग खिड़कियों के जरिए बसों में चढ़ने को तैयार हैं। यदि हम सिर्फ बात करें पर्यटक स्थल नैनीताल की तो यहां जाने के लिए भी रोडवेज के पास पर्याप्त बसे नहीं है।(Uttarakhand Kemu Bus News)
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इसके अलावा पहाड़ के अन्य रूटो में जाने के लिए भी बसें पर्याप्त नहीं है। बताते चलें कि इस पर केमू अध्यक्ष सुरेेश डसीला का कहना है कि नए रूट पर केमू के संचालन को लेकर अनुमति की मांग काफी पहले से की गई है। वही आरटीओ प्रशासन संदीप सैनी का कहना है कि केमू के अलावा अन्य संस्थाओं के द्वारा भी रूट डिमांड को लेकर आवेदन प्राप्त हुए हैं। कमिश्नर की अध्यक्षता में इस प्रकरण को लेकर बैठक की जाएगी जिसके बाद नए रूटों पर केमू चलाने की मंजूरी मिल पाएगी।कुमाऊं मोटर आनर्स यूनियन द्वारा टनकपुर से चम्पावत, टनकपुर से पिथौरागढ़, हल्द्वानी-नैनीताल, पिथौरागढ़ से मुनस्यारी व धारचूला, टनकपुर से बागेश्वर, हल्द्वानी से थराली व कर्णप्रयाग तथा इसके अलावा अगल-अलग जनपदों के लिंक मार्गों पर केमू बस चलाने की अनुमति मांगी जा रही है। सन् 1939 में पर्वतीय मार्गों पर नौ बसों के संचालन के साथ केमू बस सेवा भी शुरू हुई थी।1939 से 1985 तक हल्द्वानी से नैनीताल के लिए केमू की बसे यात्रियों को लेकर नैनीताल पहुंचती थी। उसके बाद अनुमति खत्म होने के पश्चात लगभग 37 साल से केमू की का संचालन नैनीताल के लिए बंद कर दिया गया।