पिता खुद सेना में भर्ती न हो पाए तो 27 साल बाद बेटे को वर्दी में लेफ्टिनेंट बनकर देख, गौरवान्वित हुए पिता
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अफसर बनने के बाद बेटे मयूर ने उनका सपना पूरा कर दिया है। मयूर के पिता अपने पिता का सपना पूरा नहीं कर सके लेकिन मयूर ने दादा और पिता दोनों का सपना पूरा कर दिखाया। मयूर अब लेफ्टिनेंट मयूर हो गए है। मयूर को बचपन से ही दादा और पिता ने हमेशा उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में हर कदम पर उनका सहयोग किया , अब बेटे के लेफ्टिनेंट बनने पर पुरे परिवार में खुशी का माहौल है। लेफ्टिनेंट मयूर की बहन कीर्ति पंतनगर विवि से पीएचडी कर रही हैं ,और बड़े भाई विशाल इसरो में यांत्रिक अभियंता है।