Martyr Rakesh Kumar Himachal : जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में देवभूमि का लाल आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में हुआ शहीद, पूरे देश मे दौड़ी शोक की लहर……
Martyr Rakesh Kumar Himachal: जम्मू कश्मीर के किश्तवाडा क्षेत्र से पूरे देश वासियों के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही जहाँ पर आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में हिमांचल प्रदेश के निवासी व दो पैरा के नायब सूबेदार राकेश कुमार ने माँ भारती की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। वहीं बीते मंगलवार को शहीद राकेश कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा जिन्हे देखकर उनके परिजन बिलख पड़े व पूरा गांव शोक मे डूब गया। गांव के पैतृक घाट पर उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान भारत माता के जयकारे लगाए गए।
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Martyr Rakesh Kumar Himachal Pradesh अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बीते गुरुवार की सुबह 11 बजे ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान पुलिस और सेना के जवानों ने जम्मू कश्मीर के केशवन के जंगल मे आतंकवादियों को जाने से रोका था। उस स्थान से कुछ किलोमीटर दूर वीडीजी नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के गोलियों से छलनी पड़े शव बरामद हुए थे। इस दौरान आतंकवादियों ने वीडीजी के अपहरण और ह्त्या के बाद बीते गुरुवार की शाम को कुंतवाड़ा और केशवन के जंगलों मे बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था। तभी आतंकवादियों की मौजूदगी खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा किश्तवाडा के सामान्य क्षेत्र मे अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के जवानों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई थी जिसमें शुरुआती मुठभेड़ में हिमांचल प्रदेश के मंडी गांव के बरनोग के निवासी 42 वर्षीय 2 पैरा के नायब सूबेदार राकेश कुमार सहित सेना के चार जवान गोली लगने से घायल हो गए थे जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां पर भारतीय सेना के नायब सूबेदार ने अंतिम सांस लेते हुए देश की हिफाजत में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। जबकि तीन जवानों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
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army Martyr Rakesh Kumar आपको बता दें कि बीते मंगलवार को शहीद राकेश कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मंडी लाया गया जहां पर शहीद राकेश कुमार के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देख उनके परिजन बिलख उठे। शहीद राकेश अपने पीछे अपनी पत्नी भानुप्रिया व 14 वर्षीय बेटी यशस्वी समेत अपने 9 वर्षीय बेटे प्रणव को रोता बिलखता छोड़ गए। शहीद राकेश कुमार को उनके गांव के पैतृक घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान भारत माता के जयकारे लगाए गए। बताया जा रहा है कि राकेश कुमार एक सप्ताह पहले ही दिवाली की छुट्टी मनाकर वापस ड्यूटी पर लौटे थे लेकिन उनके परिवार वालों को कहां मालूम था कि यह उनकी अंतिम मुलाकात होने वाली है।