भारतीय वायुसेना के एक और जांबाज पायलट की पैराशूट न खुलने से गुरुवार को मौत हो गई। दुखद खबर से पूरा परिवार शोकाकुल में है, घर पर सांत्वना देने वालो का ताँता लगा हुआ है। ये कोई पहली घटना नहीं है बीते 11 महीनों में इस तरह से तीन गरूण पायलटों की मौत हो चुकी है। आगरा में ट्रेनिंग के दौरान देवभूमि हिमाचल प्रदेश के पायलट अमित कुमार का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा। जहां उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि अमित कुमार ने गुरुवार को जहाज एएन-32 से छह हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी लेकिन बदकिस्मती से उनका पैराशूट नहीं खुला। जानकारी के मुताबिक अमित कुमार के गिरने के बाद सेना के जवान उन्हें सैन्य अस्पताल ले गए जहां उपचार के दौरान अमित ने दम तोड़ दिया। अमित कुमार वर्तमान में भारतीय वायु सेना की यूनिट भुज नौ, गरुड़ गुजरात में तैनात थे।
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के पुलिस पोस्ट बड़ोह के गांव बूसल निवासी 27 वर्षीय अमित सिंह पुत्र शक्ति सिंह भारतीय वायुसेना में कमांडो थे। उन्होंने गुरुवार को आगरा में ट्रेनिंग के दौरान 6000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी, लेकिन पैराशूट न खुलने के कारण हुए हादसा में उनकी मौत हो गई थी। सेना अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम में मौत का कारण कमांडो की गर्दन की हड्डी टूटना और सिर में गंभीर चोटों का होना बताया गया है। वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार जवान का पार्थिव शरीर आगरा से पठानकोट तक हवाई जहाज में लाया गया और वहां से सड़क मार्ग से गांव तक पहुंचाया गया। करीब साढ़े दस बजे वायु सेना के अधिकारी शव लेकर उनके पैतृक गांव पहुंचे। जहां उनके छोटे भाई ने उनके शरीर को मुखाग्नि दी।