वर्णिका ने जेईई-मेंस के परीक्षा परिणामों (JEE MAINS RESULT) में छात्रा वर्ग में किया उत्तराखण्ड टॉप, परिवार की विपरित परिस्थितियों के बावजूद हासिल किया मुकाम..
देवभूमि उत्तराखंड की बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। बात अगर शिक्षा के क्षेत्र की करें तो देवभूमि की बेटियों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने हुनर को साबित किया है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही बेटी से रूबरू करा रहे हैं जिसने परिवार की विपरित परिस्थितियों के बावजूद जेईई-मेंस के परीक्षा परिणामों (JEE MAINS RESULT) में छात्रा वर्ग में उत्तराखंड टॉप किया है। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के ऋषिकेश की रहने वाली वर्णिका भट्ट की, जो बीते शुक्रवार को घोषित जेईई-मेंस के परीक्षा परिणामों में 99.78 फीसदी अंक हासिल कर छात्रा वर्ग में उत्तराखंड की टॉपर बनी है। सबसे खास बात तो यह है कि वर्णिका ने दूसरे बार जेईई-मेंस के परीक्षा परिणामों में सफलता हासिल की है। गत वर्ष उन्होंने 99.46 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। मां की तबीयत अत्यधिक खराब होने के कारण वह बीते वर्ष जेईई एडवांस की अच्छी तैयारी नहीं कर पाई। परंतु उन्होंने इससे हार नहीं मानी और इस वर्ष जेईई-मेंस के परीक्षा परिणामों में गत वर्ष से भी अच्छा रिजल्ट हासिल किया।
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अभी भी बीमारी से जूझ रही है राज्य में छात्रा वर्ग में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाली वर्णिका की मां, पीजीआई चंडीगढ़ से चल रहा है उपचार:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के ऋषिकेश के प्रगति विहार में रहने वाली वर्णिका भट्ट शुक्रवार को घोषित जेईई-मेंस के परीक्षा परिणामों में छात्रा वर्ग में उत्तराखंड की टॉपर बनी है। बता दें कि गत वर्ष डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली वर्णिका की मां की तबीयत अभी भी खराब है और उनका पीजीआई चंडीगढ़ से उपचार चल रहा है। इसके बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी और इस वर्ष के परीक्षा परिणामों में 99.78 फीसदी अंक हासिल कर उत्तराखण्ड के छात्रा वर्ग में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है। बताते चलें कि जेईई-मेंस में उत्तराखंड की छात्रा वर्ग की टापर वर्णिका के पिता राजेंद्र प्रसाद भट्ट एक कांट्रेक्टर है। वर्णिका की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। वर्णिका के पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने परिवार की विपरित परिस्थितियों के बावजूद कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है।
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