Jeewan raksha padak 2019: उत्तराखंड पुलिस के दो जवानों को मिलेगा राष्ट्रपति जीवन रक्षा पुरस्कार, भूस्खलन में फंसे सीनियर अफसरों की बचाई थी जान..
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस के आठ जवान अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया। कोरोना काल में पुलिस कर्मी निरंतर जान की बाजी लगाकर अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहे। पुलिस के अनेक चेहरे हमारे सामने समय समय पर आते रहते हैं। जहां अधिकांश पुलिस कर्मी अपनी जान की बाजी लगाकर भी अपने कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटते तो वहीं कुछ पुलिस जवान ऐसे भी हैं जो अपने गलत कारनामों के कारण पुलिस के नाम पर धब्बा है। बात उत्तराखण्ड पुलिस की करें तो उत्तराखण्ड पुलिस में ऐसे जवानों की बिल्कुल की कमी नहीं है जो अपनी जान जोखिम में डालकर भी न केवल अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों का अक्षरशः पालन करते हैं बल्कि पूरी जी-जान से जनता की सेवा में भी डटे रहते हैं। आज हम आपको उत्तराखण्ड पुलिस के दो ऐसे ही जांबाज अफसरों से रूबरू करा रहे हैं जिन्हे राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक (Jeewan raksha padak 2019) से सम्मानित किया जाएगा। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के उत्तरकाशी जिले में तैनात दरोगा विनय प्रसाद थपलियाल और कांस्टेबल मंगलेश सिंह की, जिन्होंने 2018 में अपनी जान पर खेलकर तत्कालीन एसपी और जिलाधिकारी की जान बचाई थी।
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2018 में भूस्खलन से बचाई थी डीएम एसपी की जान, आगामी 15 अगस्त को मिलेगा राष्ट्रपति द्वारा सम्मान:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के उत्तरकाशी जिले में तैनात उत्तराखण्ड पुलिस के दरोगा विनय प्रसाद थपलियाल और कांस्टेबल मंगलेश सिंह का चयन राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक-2019 (Jeewan raksha padak 2019) के लिए हुआ है। दोनों ही पुलिस जवानों को यह सम्मान आगामी 15 अगस्त को राष्ट्रपति द्वारा दिया जाएगा। इन जवानों को यह सम्मान 2018 में यमुनोत्री हाइवे पर हुई भूस्खलन की उस घटना के लिए दिया जा रहा है जिसमें दोनों जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर उत्तरकाशी के तत्कालीन एसपी और जिलाधिकारी की जान बचाई थी। इस दौरान दोनों ही पुलिस कर्मी खुद भी घायल हो गए थे। बता दें कि आज से दो वर्ष पहले 17 जुलाई 2018 को उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान, तत्कालीन एसपी ददनपाल सिंह के साथ यमुनोत्री धाम का निरीक्षण करने गए थे। वापसी में जैसे ही दोनों का वाहन डाबरकोट के पास पहुंचा तो स्याना चट्टी के पास अचानक हुए भुस्खलन की चपेट में आ गया। जिससे दोनों ही अधिकारियों की जान पर बन आई। ऐसे में उनके साथ चल रहे दरोगा विनय प्रसाद थपलियाल और कांस्टेबल मंगलेश सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दोनों ही अधिकारियों को वाहन से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। जिसमें पुलिस के दोनों ही जवान घायल भी हो गए थे।
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