उत्तराखण्ड विशेष : पहाड़ की ये शादी रही खाश तीन दुल्हने खुद एक ही घर में लेकर गयी बरात
वैसे तो सभी जगह वर पक्ष वाले वधु पक्ष के घर धूमधाम से बारात लेकर जाते है, लेकिन उत्तराखण्ड जौनसार बावर में दुल्हन ही दूल्हे के घर बरात लेकर जाती है। ऐसी ही एक विशेष शादी हुई है देहरादून के सहिया क्षेत्र में , जी हां यहाँ के कनबुआ गांव के एक ही परिवार में तीन दुल्हनें बरात लेकर पहुंचीं। इस अनूठी परंपरा के विवाह को जोजोड़ा विवाह’ कहते हैं। कनबुआ गांव के एक पवांर परिवार के तीनो बेटो की शादी एक साथ की तो तीन दुल्हने बारात लेकर उनके घर पहुंच गयी और धूमधाम से विवाह समारोह संपन्न किया गया। जौनसार बावर क्षेत्र के रीती रिवाज कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल के रीती रिवाजो से हटकर कुछ अनूठे जरूर है, लेकिन उनके लिए इन सबका विशेष महत्व है। इसके साथ ही जहाँ प्रत्येक वर्ष पूरा भारत दिवाली मनाता है वही जौनसार क्षेत्र में दिवाली नहीं मनाई जाती थी, बीते वर्ष से यहाँ दिवाली भी शुरू की गयी है।
बता दे की रविवार को लखऊ खत के किस्तूड़ गांव से अमिता (मोनिका), बहलाड़ खत के क्वासा गांव से प्रिया (ममता) व समाल्टा खत के भाकरौऊ गांव से रक्षा जौनसारी बरात लेकर कनबुआ गांव पहुंची। यह बारात कनबुआ निवासी जालम सिंह पवांर के घर पहुंची , जिन्होंने संयुक्त परिवार की परंपरा का निर्वाह करते हुए तीन पुत्रों देवेंद्र (धीरज), प्रदीप व संदीप का विवाह एक ही दिन करने का फैसला किया। ये परिवार के लिए थोड़ा मुश्किल जरूर रहा लेकिन उन्हें इसकी तैयारियां पिछले कई माह से करनी पड़ी।
जोजोड़ा विवाह की विशेषता : सुबह आ जाती है दुल्हन, शाम को बराती
जहाँ सभी शादियों में दूल्हा अपने पुरे बरात के साथ दुल्हन के घर जाता है, वही जोजोड़ा विवाह के की परम्परा के तहत सुबह के वक्त दुल्हन बरात लेकर दूल्हे के घर पहुंचती है और शाम को 70-80 बरातियों का लड़के वाले स्वागत करते है। इसके बाद ही शादी की अन्य रस्म पूरी की जाती हैं।