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उत्तराखण्ड

एनएसए अजीत डोभाल, अपनी कुलदेवी की पूजा के लिए पहुंचे पैतृक गांव पौड़ी खुशी से झूम उठे ग्रामीण

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उत्तराखण्ड से नाता रखने वाले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का अपने पहाड़ से प्रेम इसी बात से झलकता है कि वह उत्तराखण्ड स्थित अपने पैतृक गांव में आते-जाते रहते हैं। शुक्रवार को पौड़ी जनपद मुख्यालय पहुंचे एन‌एस‌ए डोभाल आज अपने पैतृक गांव घीड़ी जायेंगे। वह पैतृक गांव जाकर अपनी कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना करेंगे। शुक्रवार शाम डोभाल अपनी पत्नी और बेटे के साथ पौड़ी जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, शनिवार सुबह वे अपने पैतृक गांव घीड़ी जाएंगे। जहां कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना करेंगे। कल पौड़ी पहुंचने पर उनसे क‌ई अधिकारियों ने मुलाकात की जिनमें मुख्य रूप से आयुक्त गढ़वाल डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर शामिल हैं। देश के दोबारा एनएसए बनने के बाद डोभाल पहली बार पैतृक गांव आए हैं। एनएसएस डोभाल के अपने गांव घीड़ी पहुंचने की सूचना पर ग्रामीण खासे उत्साहित हैं।




इस से पहले  वर्ष 2014-15 में निजी दौरे पर पैतृक गांव पहुंचे थे: हमारे करीबी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएसए अजीत डोभाल शनिवार को सुबह अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचकर कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। बता दें कि जनपद पौड़ी की बनेलस्यूं पट्टी स्थित घीड़ी गांव में 20 जनवरी 1945 को जन्मे और वर्ष 1968 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल  इन दिनों उत्तराखंड के निजी दौरे पर हैं। कल शुक्रवार को पौड़ी जनपद मुख्यालय पहुंचे एन‌एस‌ए डोभाल का आज अपने पैतृक गांव जाकर कुलदेवी की पूजा-अर्चना करने का प्लान हैं। विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वर्ष 2014 में देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया था। एनएसए बनने के बाद वे इसी तरह से वर्ष 2014-15 में निजी दौरे पर पैतृक गांव पहुंचे थे। बताते चलें कि हाल ही में 3 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने एन‌एसए डोभाल को दुबारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने के साथ ही उनका कद बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्रदान किया। और इसके ठीक बाद उनका निजी दौरे पर अपने पैतृक गांव आना उनके पहाड़ ‌प्रेम के साथ ही कुलदेवी बाल कुंवारी में अटूट आस्था को भी प्रकट करता है।




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