Rudraprayag Topper 2020: निरंतर अध्ययन से प्रिया ने समूचे उत्तराखण्ड में पाया आठवां स्थान, साथ ही रूद्रप्रयाग जिले की टॉपर भी बनी..
उत्तराखण्ड के लिहाज से सीबीएसई का इस वर्ष का हाईस्कूल बोर्ड का परीक्षा परिणाम काफी शानदार रहा। इस वर्ष के परीक्षा परिणामों में जहां उत्तराखण्ड के ऋषित अग्रवाल ने दून रिजन का टॉपर बनकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कई जिलों के छात्र-छात्राओं को पीछे छोड़ दिया वहीं राज्य के अन्य छात्र-छात्राओं ने भी उम्दा प्रदर्शन किया। बात उत्तराखण्ड की आठवीं टॉपर की करें तो राज्य की होनहार छात्रा प्रिया नेगी भविष्य में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनकर देश-विदेश में अपना परचम लहराना चाहती है। सबसे खास बात तो यह है कि प्रिया राज्य की आठवीं टॉपर होने के साथ ही रूद्रप्रयाग जिले की टॉपर (Rudraprayag Topper 2020) भी है। उन्होंने रूद्रप्रयाग जिले में पहला स्थान हासिल किया है। रूद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय बणूस-जाखधार में पढ़ने वाली प्रिया नेगी की इस उपलब्धि से जहां उनका परिवार काफी खुश हैं वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। उन्होंने अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा गुरूजनों से समय-समय पर मिले मार्गदर्शन को दिया है।
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भारतीय सेना की ग्रीफ में तैनात हैं प्रिया के पिता, भविष्य में बनना चाहती है अंतरिक्ष वैज्ञानिक:- प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के नैलचामी पट्टी के होल्टा गांव निवासी प्रिया नेगी रूद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय बणूस-जाखधार की छात्रा है। उन्होंने पूरे उत्तराखंड में आठवां स्थान प्राप्त करने के साथ ही रूद्रप्रयाग जिले में भी टॉप (Rudraprayag Topper 2020) किया है। बता दें कि रूद्रप्रयाग जिले की टॉपर प्रिया नेगी के पिता दिनेश सिंह नेगी भारतीय सेना की जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (ग्रीफ) में तैनात हैं जबकि उनकी मां विमला देवी एक कुशल गृहिणी है। बताते चलें कि ग्रीफ, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का अभिन्न अंग है और उसी की तरह ही सेना के लिए सड़क निर्माण का कार्य करती है। बात प्रिया की करें तो बचपन से ही मेधावी रही प्रिया शिक्षणेत्तर गतिविधियों में सर्वथा आगे रहती है। उसे अंतरिक्ष की गतिविधियों में खासी दिलचस्पी है लिहाजा भविष्य में वह एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनकर देश-विदेश में उत्तराखंड का नाम रोशन करना चाहती है। प्रिया का कहना है कि यदि अपने लक्ष्य का निर्धारण कर निरंतर अध्ययन किया जाए तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर वह खुद भी प्रतिदिन चार घंटे पढ़ाई करती है।
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