प्रोफेसर अरविंद सिंह रावत का नया पहाड़ी गीत “हिमला” रिलीज होते ही छा गया
“हिर हिमला हाथ्यूं की हरी चूड़ी हरिगे मेरी जिकुडी ता छुम” गीत के बोल देख और सुन के ही आप उनकी रचनात्मकता का अंदाजा लगा सकते है की किस तरह से लोककलाकार अरविन्द सिंह रावत ने “ह” शब्द से अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग करते हुए गीत की रचना की है। जितने सुंदर बोल उतने ही सुन्दर गायन, फिल्मांकन एवं संगीत। बता दे की इस से पहले भी प्रोफेसर अरविन्द रावत कई गढ़वाली गीत लिख और गा चुके हैं जिनमे काजल को घेरो ,साथ माया को ,साथ छोड़ी जै न ओर बिनसिरि बिटी प्रसिद्ध गीत है। बताते चले की इस से पहले बिनसिरि बिटी में लोककलाकार अरविंद सिंह रावत और लोकगायिका मीना राणा की जुगलबंदी देखने को मिली और जिसको लोगो दवारा काफी पसंद किया गया। इस खूबसूरत गीत में अभिनय किया है अर्जुन रावत और ऐश्वर्या बडोला ने वही गीत का निर्देशन किया है विजय भारती ने। आशीष के बैकग्राउंड म्यूजिक ने जहाँ गीत में चार चाँद लगा दिए वही गीत की रचना भी स्वयं अरविन्द रावत ने ही की है। गीत को उनके यूटूब चैनल पर रिलीज किया गया है।