शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल(Martyr Rakesh Doval) का पार्थिव शरीर पहुंचा उनके ऋषिकेश (Rishikesh) स्थित आवास पर, तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देखकर बिलख पड़े शहीद के परिजन..
बीते शुक्रवार को मां भारती की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले देश के वीर सपूत शहीद राकेश डोभाल(Martyr Rakesh Doval) का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह ऋषिकेश (Rishikesh) स्थित उनके घर पहुंच गया है। आज सुबह करीब आठ बजे जैसे ही बीएसएफ के अधिकारी शहीद का पार्थिव शरीर लेकर उनके घर पहुंचे तो घर पर चीख-पुकार मच गई। अब तक अश्रुओं के रूप में बाहर आ रहा परिजनों का दुःख देखते ही देखते करूण रूद्रन में बदल गया। शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देखकर जहां उनकी मां विमला देवी और पत्नी संतोषी बेसुध होकर गिर पड़ी वहीं शहीद राकेश की दस वर्षीय मासूम बेटी दित्या उर्फ मौली ने जय हिन्द का नारा लगाकर पिता के पार्थिव शरीर को सलाम किया। इसके बाद वह पिता के पार्थिव शरीर को लेकर आए बीएसएफ के अधिकारियों से लिपट गई और उनसे पूछने लगी कि क्या मैं आपको पापा कह सकती हूं। मासूम दित्या का यह सवाल सुनकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखों से अश्रुओं की धारा बहने लगी। बताया गया है कि शहीद का अंतिम संस्कार आज पूर्णानंद घाट मुनि की रेती पर किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- पिता की शहादत से बेखबर मासूम दित्या को नहीं पता अब फोन पर नहीं सुनाई देगी पिता की आवाज
शहीद राकेश बीते शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में हुए थे शहीद, श्रीनगर में अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद बीएसएफ ने घर को भेजा था शहीद का पार्थिव शरीर:-
गौरतलब है कि बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात राकेश डोभाल बीते शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए घायल हो गए थे और उसी दिन अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की। मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के पौड़ी ब्लॉक के कंडारी गांव के रहने वाले थे। वर्तमान में उनका परिवार बीते कई वर्षों से देहरादून जिले के ऋषिकेश के गणेश विहार गंगानगर में रहता है। बता दें कि बीते रविवार को बीएसएफ के अधिकारियों ने शहीद राकेश को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को घर की ओर रवाना किया था। जहां से बीती रात उनका पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से दिल्ली लाया गया और वहां से बीएसएफ के अधिकारी सड़क मार्ग से शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर ऋषिकेश की ओर रवाना हुए थे।
यह भी पढ़ें- श्रीनगर में दी गई उत्तराखंड के शहीद राकेश को श्रद्धांजलि, अब पार्थिव शरीर पैतृक घर की ओर रवाना