LAKHPAT SINGH RAWAT
चमोली: गुलदार को मारने गांव पहुंची लखपत रावत की टीम, प्रधान की बेटी को बनाया था निवाला
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वन विभाग ने दिए आदमखोर गुलदार को मारने के आदेश, मशहूर शिकारी लखपत सिंह रावत (Lakhpat Singh Rawat) को बुलाया गया गैरबारम गांव..
चमोली जिले में बीते दिनों एक बच्ची सहित कई अन्य ग्रामीणों पर घात लगाकर हमला कर चुके आदमखोर गुलदार को मारने के आदेश वन विभाग ने दे दिए हैं। लोगों के आक्रोश को देखते हुए हुए बकायदा वन विभाग ने मशहूर शिकारी लखपत सिंह रावत (Lakhpat Singh Rawat) और वीरेंद्र सिंह को क्षेत्र में बुला भी लिया है। इसके साथ ही गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से पूरे क्षेत्र में कई पिंजरे भी लगाए हैं। बता दें कि चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लाक के गैरबारम गांव के ग्राम प्रधान देवेन्द्र सिंह की 12 वर्षीय पुत्री दृष्टि को बीते सोमवार शाम एक आदमखोर गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था। हादसे के वक्त दृष्टि गौशाला से घर की ओर लौट रही थी। गुलदार द्वारा किए गए इस हमले में दृष्टि की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना से जहां पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल था वहीं ग्रामीणों में प्रशासन और वन विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश भी व्याप्त था। बताते चलें कि आक्रोशित ग्रामीणों ने आदमखोर गुलदार को मारने के आदेश देने की मांग करते हुए वन विभाग के अधिकारियों से कहा था कि जब तक गुलदार को मारने के लिए गांव में शिकारियों को नहीं बुलाया जाता तब तक वह बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने देंगे।
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गुलदार के आतंक से पूरे क्षेत्र में दहशत, शिकारियों के पहुंचने के बावजूद रात-रात भर पहरा देने को मजबूर हैं डरे-सहमे ग्रामीण:-
बता दें कि चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लाक के उत्तरी पिंडर क्षेत्र में स्थित हरमनी न्याय पंचायत के 35 गांवों के ग्रामीणों इन दिनों दहशत के साए में जी रहे हैं। बताते चलें कि इस क्षेत्र में इन दिनों एक नरभक्षी गुलदार का आतंक छाया हुआ है जो बीते एक महीने में अब तक न सिर्फ दो बच्चियों को अपना निवाला बना चुका है बल्कि उसके हमले से क्षेत्र का एक व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल भी हुआ है। हालांकि ग्रामीणों के आक्रोश के बाद वन विभाग ने न सिर्फ गुलदार को मारने के आदेश देकर क्षेत्र में शिकारियों (Lakhpat Singh Rawat) को बुलाने के साथ ही वन कर्मियों की गश्त को बढ़ा दिया है परन्तु बावजूद इसके ग्रामीणों में गुलदार का भय इस कदर व्याप्त है कि वे खुद भी रात-रात भर पहरा देने को मजबूर हैं। डरे-सहमे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक गुलदार मारा नहीं जाता तब तक उन्हें चैन की नींद नहीं आएगी क्योंकि क्या पता कब गुलदार उन पर या उनके परिवार के किसी सदस्य पर हमला कर दें। विदित हो कि बीते 30 मई को गुलदार ने क्षेत्र के ही त्यूला गांव के मगेटी तोक में रहने वाली एक नेपाल मूल की छह वर्षीय बच्ची को अपना निवाला बनाया था।
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