All posts tagged "ALMORA NEWS"
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “असोजै तवाई….” पी एस भाकुनी पनदा (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 29, 2025कुमाऊंनी कविता- असोजै तवाई…..P. S. Bhakuni poem —————— घर ऐ जाओ असोज लै रौ, पछिल कौला...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “मि छन पहाड़ेकि च्येली….” निहारिका पाण्डेय (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 29, 2025कुमाऊंनी कविता- मि छन पहाड़ेकि च्येली….Niharika pandey poem मि छन पहाड़ेकि च्येली। मि जब आयूँ माँ...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- मैं उत्तराखंड छू….. हिमांशु सिंह बिष्ट (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 28, 2025कुमाऊंनी कविता- मैं उत्तराखंड छू…himanshu singh Bisht poem मैं उत्तराखंड छू ठंडी हवा ठंडो पाणी, पहाड़ों...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “आजादी पाई छू….” वैभव पाण्डे (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 28, 2025कुमाऊंनी कविता-“आजादी पाई छू….Vaibhav pandey poem “ के पत्त कदुक वीरौल अपणी जान गवाई छू तब...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “दाज्यू आजकलै पहाड़ों हाल….” पूरन प्रसाद (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 28, 2025कुमाऊंनी कविता- दाज्यू आजकलै पहाड़ों हाल….Puran prasad poem पहाड़ों में चलि गर्ई, दाज्यू आजकलै यौ शराब।...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “बंजर पड़ो य मोबाईल” भूपाल सिंह राणा ‘भोपदा कुमाऊंनी’ (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 28, 2025कुमाऊंनी कविता- बंजर पड़ो य मोबाईल…Bhupal Singh Rana poem बजर पड़ो य मोबाईल, ऐल नान बिगाड़...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “हाय य असोज…” खुशी भाकुनी (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 27, 2025कुमाऊंनी कविता- हाय य असोज….Khushi Bhakuni Poem हम भाकुनियुक असोज कुछ अलग तरीकल मनई जा राती...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “पहाड़ी नौकर…” नीरज पंत (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 27, 2025कुमाऊंनी कविता- पहाड़ी नौकर…Neeraj Pant Poem कसी बनूल मैं पहाड़ी नौकर… बाज्यू क बीड़ी चे ईज...
-
उत्तराखण्ड
कुमाऊंनी कविता- “चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़..” लता काण्डपाल (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 27, 2025कुमाऊंनी कविता- चाओ रे म्यार पहाड़ बचाओ रे म्यार पहाड़ …Lata Kandpal poem भ्यार बानर भितेर...
-
उत्तराखण्ड
गढ़वाली कविता- “एक छै पहाड़……” कृष्ण चन्द्र (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)
January 27, 2025गढवाली कविता- एक छै पहाड़….krishna chandra poem एक छै पहाड़। जख छै गाड़ और दादा-दादी क़...