Uttarakhand 12th result Topper 2024: काफी संघर्षो से जूझते हुए बुलंद हौसलों एवं कड़ी मेहनत के बलबूते हासिल किया मुकाम, बने लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत…
Uttarakhand 12th result Topper 2024
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने मंगलवार को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया है। हाईस्कूल की परीक्षा में जहां पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली प्रियांशी रावत ने बाजी मारी है वहीं इंटरमीडिएट में अल्मोड़ा निवासी पीयूष खोलिया ने अपनी काबिलियत का परचम लहराते हुए प्रदेश टॉपर बनने का मुकाम हासिल किया है। उनकी यह अभूतपूर्व उपलब्धि इस लिए भी अहम है क्योंकि उनका जीवन बचपन से ही काफी संघर्षमय रहा। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है जब वह पांचवीं कक्षा के छात्र थे तो उनके पिता का देहांत हो गया। पिता को छोटी सी उम्र में खोने के बाद जहां अधिकांश बच्चे गलत रास्तों पर चलने लगते हैं वहीं इसके विपरित उन्होंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी मां लगातार उनका हौंसला बढ़ाती रही और आज इन्हीं बुलंद हौसलों, अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते उन्होंने बोर्ड परीक्षा परिणामों में प्रदेश में सर्वोच्च अंक हासिल करने का कीर्तिमान स्थापित किया। बता दें कि पीयूष ने 488 अंक हासिल कर यह कीर्तिमान रचा है।
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Piyush Kholiya uttarakhand 12th topper
बता दें कि विवेकानंद इंटर कॉलेज अल्मोड़ा से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले पीयूष का परिवार सुनारीनौला में रहता है। एक शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखने वाले पीयूष की मां भावना खोलिया जहां विवेकानंद बालिका विद्या मंदिर जीवनधाम में शिक्षिका हैं वहीं उनके स्वगीर्य पिता केएस खोलिया भी विवेकानंद इंटर कॉलेज में शिक्षक थे। उन्होंने रोजाना 7 घंटे पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। छोटी सी उम्र में पिता का असामायिक निधन होने एवं घर का इकलौता बेटा होने के कारण उनके मासूम कंधों पर बचपन में परिवार की जिम्मेदारी आ गई लेकिन उन्होंने हिम्मत न हारते हुए न केवल इसका बखूबी सामना किया बल्कि आज उत्तराखंड टापर बनकर अपनी मां के आंचल को खुशियों के भर दिया है। पीयूष भविष्य में वैज्ञानिक बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने गणित में 95, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान में 100-100, जीव विज्ञान में 99, अंग्रेजी में 94 अंक हासिल किए हैं। सबसे खास बात तो यह है कि आज के इस आधुनिक युग में जहां अधिकांश छात्र छात्राओं और उनके अभिभावकों में ट्यूशन पढ़ाने की होड़ लगी हुई है। वहीं उन्होंने बिना किसी ट्यूशन के यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को दिया है।
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