अंकित बुटोला (Ankit Butola) का नॉर्वे की ‘यूआईटी द आर्कटिक विश्वविद्यालय’ (Artic university) में पोस्ट डॉक्टरल वैज्ञानिक के लिए हुआ चयन
अपनी बेमिसाल प्रतिभाओं के दम पर देश-विदेश में परचम लहराने वाले देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं का आज कोई भी सानी नहीं है। देवभूमि उत्तराखंड के ऐसे होनहार युवाओं ने न केवल आज हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर अपने सपनों को साकार किया है वरन समूचे प्रदेश को बार-बार गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। आज हम आपको ऐसे ही एक और होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो नार्वे के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टरल वैज्ञानिक बन गए है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के बष्टा गांव निवासी डा. अंकित बुटोला (Ankit Butola) की, जिनका चयन नॉर्वे की ‘यूआईटी द आर्कटिक विश्वविद्यालय’ (Artic university) में पोस्ट डॉक्टरल वैज्ञानिक के पद पर हुआ है। बताया गया है कि उनका यह चयन यूरोपीय संघ के प्रतिष्ठित ईआरसी स्टार्टिंग ग्रांट के तहत हुआ है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से अंकित के परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। अंकित ने अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, दादा मोहन सिंह बुटोला के साथ ही शिक्षकों को दिया है।यह भी पढ़ें- नीदरलैंड की हेल्थ रिसर्च यूनिवर्सिटी में उत्तराखंड की हिमानी बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर
एमएससी के पढ़ाई के दौरान नेट-जेआरएफ, गेट, जेस्ट और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त कर चुके हैं अंकित:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के ग्राम बष्टा निवासी डॉक्टर अंकित बुटोला का नॉर्वे के प्रतिष्ठित ‘यूआईटी द आर्कटिक विश्वविद्यालय’ में पोस्ट डॉक्टरल वैज्ञानिक के पद पर चयन हो गया है। बता दें कि पीएचडी के बाद पोस्ट डॉक्टरल वैज्ञानिक के रूप में संबंधित विषय में शोध किया जाता है। अंकित ने पिछले वर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से भौतिक विज्ञान विषय में पीएचडी की थी। पीएचडी के दौरान उनके दो पेटेंट और 25 से अधिक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हुए थे। बताते चलें कि एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले अंकित ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और राजकीय इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि से प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद 2015 में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर से भौतिक विज्ञान में एमएससी किया। बचपन से पढ़ाई में अव्वल दर्जे के छात्र रहे अंकित के पिता जीतपाल सिंह बुटोला एक आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट हैं और विजयनगर में मेडिकल स्टोर चलाते है जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं। सबसे खास बात तो यह है कि एमएससी के पढ़ाई के दौरान वह प्रतिष्ठित नेट-जेआरएफ, गेट, जेस्ट और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित कर चुके हैं।
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