Kafal fruit in uttarakhand: स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही सेहत के लिए भी होता है फायदेमंद, इसलिए काफल कहलाता है पहाड़ी फलों का राजा….
उत्तराखंड में केवल पहाड़ की सुंदरता और खानपान ही लाजवाब नहीं होता, बल्कि यहां की घनी वादियों के बीच मिलने वाले रसीले जंगली फल भी बड़े स्वादिष्ट एवं लाजवाब होते हैं। जो हर किसी को अपना दीवाना बना लेते हैं। वैसे तो उत्तराखंड में कई प्रकार की जंगली फल जैसे बेड़ू, मेलू, तिमला, किनगोडा, भमोरा, कीमू, हिंसर आदि मिलते हैं मगर इन सबके अलावा भी उत्तराखंड में एक ऐसा फल भी मिलता है, जो अपने स्वादिष्टता के कारण फलों के राजा के नाम से विख्यात है। यह फल अपने खट्टी–मीठी और रसीले अंदाज के लिए जाना जाता है। इस फल का नाम है काफल। जी हां…अगर आप उत्तराखंड से हो तो आपने यह फल गर्मियों के मौसम में एक बार तो जरूर खाया ही होगा। काफल औषधीय गुणों से भरपूर उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाला एक मौसमी फल है जो बस मार्च से लेकर मई महीने तक रहता है। यह फल मार्च से पेड़ पर लगने शुरू हो जाते है और मई तक पक जाते है।
(Kafal fruit in uttarakhand)
बता दें कि काफल का वैज्ञानिक एवं वानस्पतिक नाम “मिरिका एस्कुलेंटा” है। यह खाने में अत्यधिक स्वादिष्ट एवं स्वाद में खट्टा–मीठा औऱ रसीला होता है। यह सभी फलों में अत्यधिक रसीला होने के कारण फलों का राजा भी कहलाता है। शुरुआत में इसका रंग हरा होता है मगर पकने के बाद यह लाल एवं गहरा काला रंग का हो जाता है। यह आकार में छोटा मगर दिखने में आकर्षक होता है। इसका बाहर का भाग मुलायम होता है और इसके अंदर गुठली होता है। इस फल को गुठली समेत खाया जाता है और साथ ही अन्य फलों की भांति इसे ज्यादा देर तक नहीं रखा जा सकता क्योंकि यह सूखने लगता है। आकार में छोटा होने के बावजूद भी यह फल औषधीय गुणों से भरपूर होता है तथा व्यक्ति को कहीं तरह की बीमारियों से दूर रखता है। गर्मियों में इसके सेवन से पेट को तुरंत ठंडक मिलती है। इस फल को गर्मियों में लगभग हर उत्तराखंडी द्वारा खाया जाता है। आकार में छोटा दिखने वाला यह फल ऐसे ही फलों का राजा नहीं कहलाता है। जितना यह छोटा होता है उतने ही बड़े इसके फायदे होते हैं। इसे यूं ही नहीं देवभूमि का अमृत कहा जाता है क्योंकि इसका प्रयोग सदियों से आयुर्वेदिक दवाई एवं इलाज के लिए किया जाता रहा है।
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काफल के फायदे (Benifits of Kafal Fruit)
काफल के सेवन से शरीर बीमारियों से मुक्त रहता है। यह पाचन संबंधित सभी बीमारियों जैसे अपच, गैस्ट्रिक आदि दूर करता है। इसके सेवन से शरीर में दर्द नहीं होता तथा इसके चूर्ण का सेवन करने से सिर दर्द जैसी बीमारियां दूर हो जाती है। साथ ही इसके निरंतर सेवन से कैंसर एवं हार्ट और ब्रेन स्ट्रॉक जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है। चुंकि यह एक एंटी ऑक्सीडेंट फल है इसलिए यह अपच एवं पेट की सारी समस्या से निजात दिलाता है। यह अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे डायबिटीज ,पाइल्स, मोटापा, सूजन ,जलन, मुंह के छाले, मूत्र दोष, बुखार,और शुक्राणु के लिए भी फायदेमंद और दर्द निवारक होता है। कैंसर जैसी बड़ी-बड़ी बीमारियों को ठीक करने वाला यह फल अल्सर जैसे बीमारियों के लिए भी रामबाण इलाज होता है। इसके छाल से बने चूर्ण को अल्सर के घाव पर डालने से घाव जल्दी भर जाता है। इस प्रकार शहतूत जैसा दिखने वाला यह फल बहुत ही फायदेमंद एवं बीमारियों को दूर करने वाला होता है। यह पेट से संबंधित सभी बीमारियों को दूर करता है तथा पेट में ठंडक बनाए रखता है। साथ ही पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाता है और पेट को साफ रखता है। तो इस प्रकार उत्तराखंड में पाए जाने वाला यह फल लाजवाब, स्वादिष्ट के साथ-साथ बड़ा ही फायदेमंद होता है और हर आने–जाने वाले मुसाफिर का मन मोह लेता है। तो कभी आप भी उत्तराखंड आओ तो गर्मियों में इस फल के स्वाद का मजा जरूर लीजियेगा।
(Kafal fruit in uttarakhand)