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उत्तराखण्ड का बेटा हीरा रावत बनेगा सेना में लेफ्टिनेंट, आईएमए देहरादून से होगा पासआउट

IMA Dehradun: पहाड़ के हीरा ने बीटेक करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी से मिले जाब के आफर को ठुकराकर परिवार की परम्परा को बढ़ाया आगे, किया सेना में जाकर देशसेवा करने का फैसला, शनिवार को संजेगे कंधे में सितारे…

देवभूमि उत्तराखंड को यूं ही वीरभूमि नहीं कहा जाता वरन इसका सबसे बड़ा कारण है उत्तराखण्ड वासियों का देशप्रेम। आंकड़ों में नजर डालें तो उत्तराखण्ड देश की सेनाओं को सैनिक देने के मामले में जनसंख्या घनत्व के हिसाब से सबसे ऊपर है। हो भी क्यों ना उत्तराखण्ड वासियों के सेनाप्रेम का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के पर्वतीय जिलों से तो हर घर का कोई ना कोई सदस्य सेना में होता है। उत्तराखंड ने देश को एक सिपाही से लेकर देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत तक न जाने कितने जांबाज अफसर दिए हैं। कल शनिवार 13 जून को भी आईएमए देहरादून (IMA Dehradun) में राज्य के 31 युवा पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बनने जा रहे हैं। इन्हीं युवाओं में से एक है मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के रहने वाले हीरा सिंह रावत। जी हां चमोली जिले के हीरा भी शनिवार को आईएमए (IMA Dehradun) से पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बन जाएंगे। उनकी इस सफलता से परिजनों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। सबसे खास बात तो यह है कि हीरा ने एक मल्टीनेशनल कंपनी के जॉब आफर को ठुकराकर अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सेना ज्वाइन की है।
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सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं लेफ्टिनेंट हीरा, परिजनों को है पासिंग आउट परेड में शामिल ना होने का मलाल:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के नारायणबगड़ ब्लॉक के बिनायक गांव निवासी मोहन सिंह रावत का इकलौता बेटा हीरा सिंह रावत, शनिवार को सेना में लेफ्टिनेंट बन जाएगा। बता दें कि हीरा का परिवार वर्तमान में देहरादून जिले के प्रेमनगर में रहता है। उनके पिता सेना के रिटायर्ड सूबेदार है जबकि माता मोहिनी रावत एक कुशल गृहिणी है। सबसे खास बात तो यह है कि हीरा के पिता मोहन सिंह के अलावा उनके दादा और नाना भी फौज में रहकर देशसेवा कर चुके हैं। हीरा के लेफ्टिनेंट बनने की खबर से जहां परिवार में खुशियां छाई हुई है वहीं कोरोना के कारण हीरा की पासिंग आउट परेड में शामिल ना हो पाने का मलाल भी है। हीरा के माता-पिता का कहना है कि उनकी दिली इच्छा थी कि वह आईएमए (IMA Dehradun) में आयोजित होने वाली बेटे की पासिंग आउट परेड में शामिल होकर उसके कंधों में सितारे सजाए परंतु कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा। बताते चलें कि सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले हीरा ने बारहवीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय आइएमए से पूरी की। जिसके बाद उसने दयालबाग इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया जहां से उसका प्लेसमेंट टाटा कंसल्टेंसी में हुआ परंतु उसने सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने को ही तवज्जो दी।

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