राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा (Khatima) का रहने वाला था शहीद (Martyr) जवान, असम राइफल्स में हवलदार के पद पर था तैनात..
समूचे उत्तराखंड के लिए मणिपुर से दुखद खबर आ रही है जहां भारतीय सेना में तैनात मां भारती का एक और वीर सपूत शहीद हो गया है। बताया गया है कि शहीद जवान राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा के रहने वाले थे और असम राइफल्स में हवलदार के पद पर तैनात थे। उनकी शहादत की खबर से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। बीते रोज जैसे ही शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो शोकाकुल परिजनों का दुःख आंसूओं में तब्दील हो गया। गमहीन माहौल में रोते-बिलखते परिजनों के करूण रूद्रन का हृदयविदारक दृश्य देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद शहीद जवान का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ बनबसा स्थित शारदा घाट पर किया गया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट तहसील के ग्राम जमतड़ निवासी हयात सिंह महर पुत्र स्व. त्रिलोक सिंह का परिवार वर्तमान में ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा तहसील के झनकट की डिफेंस कॉलोनी में रहता है। बता दें कि हयात भारतीय सेना की 31 असम राइफल्स में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग मणिपुर में थी, जहां बीते 12 जुलाई को उल्फा उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था। काफी खोजबीन के बाद सेना के जवानों को 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर बरामद हुआ था। जिसकी सूचना सेना के अधिकारियों द्वारा उनके परिजनों को दी गई। बताते चलें कि शहीद हवलदार अपने पीछे पत्नी चंद्रा महर, पुत्री रेखा व पुत्र अमित सिंह महर सहित समूचे परिवार को रोते-बिलखते छोड़ गए हैं।
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