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उत्तराखण्ड: लद्दाख जा रहे कुमाऊं रेजिमेंट के जवान का रेल हादसे में निधन, परिजनों में मचा कोहराम

उत्तराखण्ड

ऊधमसिंह नगर

उत्तराखण्ड: लद्दाख जा रहे कुमाऊं रेजिमेंट के जवान का रेल हादसे में निधन, परिजनों में मचा कोहराम

प्लाटून के साथ ड्यूटी पर लद्दाख जा रहे कुमाऊं रेजिमेंट के जवान (Uttarakhand kumaon regiment) का रेल हादसे में निधन, जवान की अकस्मात निधन की खबर से रक्षाबंधन की तैयारियों में जुटे परिजनों में कोहराम..

देवभूमि उत्तराखंड के लिए कोलकाता से दुखद खबर आ रही है जहां अपनी प्लाटुन के साथ लद्दाख जा रहे भारतीय सेना के जवान का रेल हादसे में निधन हो गया। मृतक जवान सेना की कुमाऊं रेजिमेंट में कार्यरत थे। दुखद हादसे का समाचार मिलते ही मृतक जवान (Uttarakhand kumaon regiment ) के परिवार में कोहराम मच गया। हादसे की सूचना के वक्त परिजन रक्षाबंधन की तैयारियों में जुटे हुए थे, लेकिन जवान के अकस्मात निधन की सूचना मिलते ही परिजनों की रक्षाबंधन की सारी खुशियां पल भर में ही छिन्न-भिन्न हो गई। बताया गया है कि मृतक जवान राज्य के उधमसिंह नगर जिले के रहने वाले थे और बीते चार जून को छुटियां खत्म कर घर से ड्यूटी पर गए थे। मृतक जवान अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों सहित भरा पूरा परिवार छोड़कर ग‌ए है।
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रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला मृतक का शव, निधन की खबर से थम नहीं रहे हैं परिजनों की आंखों से आंसू:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के उधमसिंह नगर जिले के खटीमा तहसील के महतगांव निवासी गजेंद्र सिंह पानू पुत्र किशोर पानू भारतीय सेना की दो कुमाऊं रेजिमेंट में कार्यरत थे। बताया गया है कि बीते एक अगस्त को गजेन्द्र की फ्लाटून कोलकाता से लद्दाख जा रही थी। इसी दौरान एक अगस्त की रात को रेल हादसे में गजेन्द्र का निधन हो गया। मृतक जवान का शव कोलकाता-जम्मू रूट पर कोलकाता से 200 किमी दूर रेलवे ट्रैक पर मिला। जिसके बाद सेना द्वारा मृतक के परिजनों को सूचना दी गई। जवान के निधन की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। हादसे की खबर से ही परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जवान के निधन की सूचना मिलने के बाद खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी ने मृतक के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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