बेटे के निधन के दो दिन बाद तक भी माता-पिता को पता ही नहीं… दुनिया छोड़ गया जिगर का टुकड़ा
भाजपा के दिग्गज नेता प्रकाश पंत के निधन से जहां समूचे प्रदेश में शोक की लहर है वहीं उनके माता-पिता को मृत्यु के दो दिन बाद भी बेटे के असामयिक निधन की कोई सूचना नहीं है। उन्हे अभी भी यही बताया गया है कि उनके बेटे प्रकाश की तबीयत ज्यादा खराब है। इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है कि उस पिता पर उस समय क्या गुजरती होगी जिसका बेटा असमय ही दुनिया छोड़ कर चला जाएं। प्रदेश के वित्त मंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता स्व• प्रकाश पंत के घर पर भी इस समय कुछ ऐसा ही माहौल है और इसी के बारे में सोचकर वित्त मंत्री के परिवार का कोई भी सदस्य उनके निधन की सूचना वृद्ध माता-पिता को देने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। हालांकि प्रकाश पंत के असामयिक निधन की दुखद खबर पाकर घर आए उनके बड़े भाई कैलाश ने कल दोपहर डेढ़ बजे के करीब माता-पिता को अपने छोटे भाई प्रकाश की तबीयत ज्यादा खराब होने की जानकारी दी। परंतु वह भी इस दुखद वक्त में अपने माता-पिता से सच बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
पिता भी है बिमार, बार-बार पूछते रहे नाती-पोतों के असामयिक घर आने और कार्यकर्ताओं की एकाएक भीड़ लगने का कारण-
बता दें कि उत्तराखंड के दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत के पिता मोहन चन्द्र पन्त भी आजकल बिमार ही हैं। अभी दो दिन पहले ही उन्हें बीपी बढने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 5 जून को जिस दिन वित्त मंत्री का निधन हुआ उसी दिन वह भी डिस्चार्ज होकर घर आए थे। बृहस्पतिवार को प्रकाश पंत के पुत्र सौरभ, भाई भूपेश पंत के पुत्र गौरव, पुत्री स्वाति देहरादून से पिथौरागढ़ पहुंचे। मंत्री के कैंप कार्यालय के पास कार्यकर्ता भी जमा थे। तो वित्त मंत्री के पिता ने पोता-पोती के असामयिक घर आने एवं कार्यकर्ताओं की एकाएक भीड़ लगने का कारण पूछा। इस पर उनके बड़े बेटे कैलाश ने उनसे कहा कि बच्चें छुट्टियों पर घर आए हैं जबकि कार्यकर्ता पार्टी की मिटिग के लिए एकत्रित हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे वित्त मंत्री के बड़े भाई कैलाश माता-पिता से प्रकाश के बारे में बात करने उनके कमरे में गए लेकिन वो सिर्फ इतना ही बता पाए कि प्रकाश की तबीयत ज्यादा खराब है। इस दुखद परिस्थिति में उनके सच ना बोल पाने का कारण यह भी था कि वित्त मंत्री का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके घर पहुंचने की संभावना है और आगामी दो दिनों तक माता-पिता इस दुखद समाचार को कैसे सहन कर पाएंगे। इसलिए उन्होंने पंत के आवास का लैंडलाइन फोन काटने के बाद टीवी केबल भी हटा दिया और यहां तक कि घर में अखबार भी नहीं पहुंचने दिया।
