Leopard caught in almora: पहाड़ में वन विभाग के पिंजरे में फंसा गुलदार, तीन दिन पहले फलसीमा में किया था दो महिलाओं को घायल..
राज्य में आतंक का पर्याय बन चुके जंगली जानवरों को पकड़ना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। जंगली जानवरों द्वारा पिछले सप्ताह ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों पर हमला कर न सिर्फ उन्हें घायल किया गया है बल्कि जंगली जानवरों के हमले में दो-चार लोगों को तो अपने प्राणों से भी हाथ धोना पड़ा है। बात आदमखोर तेंदुए या गुलदार की करें तो पिछले हफ्ते जहां राज्य के नैनीताल जिले में एक तेंदुए द्वारा एक औरत को अपना निवाला बना लिया गया वहीं चमोली जिले में एक 12 वर्ष की मासूम बच्ची गुलदार का निवाला बन गई। अल्मोड़ा जिले के फलसीमा में भी चारा लेने जा रही दो महिलाओं को एक गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया। अब अल्मोड़ा जिले से एक अच्छी खबर आ रही है। खबर है कि फलसीमा में महिलाओं को घायल करने वाला गुलदार वन विभाग के पिंजरे में फस गया है। (Leopard caught in almora) वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चिकित्सीय परीक्षण के बाद गुलदार को आबादी से दूर जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
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गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीण हुए खुश, लेकिन कहा क्षेत्र में दो शावकों संग अभी भी घुम रही है मादा गुलदार:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के अल्मोड़ा जिले के सिकुड़ा व फलसीमा के बीच दहशत का पर्याय बना गुलदार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है। (Leopard caught in almora) बता दें कि लॉकडाउन के दौरान वाहन आदि के पहिए थम जाने के कारण गुलदार अपने परिवार सहित अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाइवे पर नजर आने लगा था। हाइवे पर सुबह-शाम गुलदार के नजर आने से न सिर्फ क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल था बल्कि बाइक सवार भी इस ओर आने से कतराने लगे थे। तीन दिन पूर्व तो इन्हीं में से एक गुलदार ने फलसीमा गांव की दो महिलाओं पर हमला कर उन्हें घायल भी कर दिया था। महिलाओं पर हुए हमले के बाद जहां ग्रामीणों ने दहशत में आकर सुबह शाम अपने घरों से निकलना ही छोड़ दिया था वहीं उन्होंने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की थी। क्षेत्रवासियों की मांग के बाद वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में कई जगह पिंजरे लगाए थे, जिनमें से एक पिंजरे में बुधवार सुबह नर गुलदार फंस गया। गुलदार के पकड़े जाने से जहां एक ओर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार के पकड़े जाने से भी खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि क्षेत्र में एक मादा गुलदार अब भी अपने दो शावकों के साथ नजर आ रही है।
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