Tehri Garhwal: मलेथा में आतंक का पर्याय बन चुका आदमखोर गुलदार पिंजरे में कैद (Guldar Caught), ग्रामीणों ने ली राहत की सांस..
राज्य के पर्वतीय इलाकों में जंगली जानवरों का आतंक जारी है। अब तक केवल खेती के दुश्मन बने जंगली जानवर अब ग्रामीणों के लिए भी संकट बन चुके हैं। ऐसे समय में एक अच्छी खबर आज राज्य के टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) जिले के मलेथा गांव से सामने आ रही है जहां बीते दिनों एक महिला को अपना निवाला बनाने वाला आदमखोर गुलदार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है। (Guldar Caught) गुलदार के पिंजरे में कैद होने की खबर से पिछले कई दिनों से दहशत के साए में जी रहे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह वही आदमखोर गुलदार है या नहीं। इस बात की पूर्णतः पुष्टि जांच के बाद की जा सकेगी। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गुलदार उस स्थान से 200 मीटर दूरी पर लगाए गए पिंजरे में फंसा है जहां महिला को मारा था। गुलदार पांच साल का एक नर बताया गया है।
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गुलदार ने बीते आठ अगस्त को घर के बाहर बरामदे में लेटी महिला को बनाया था अपना निवाला:-
गौरतलब है कि राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र के मलेथा गांव निवासी दुर्गा देवी पुत्री स्व• मनवर सिंह को एक आदमखोर गुलदार ने बीते सात अगस्त को उस समय अपना निवाला बना लिया था जब वह अपने घर के बरामदे में लेटी थी। दुर्गा का क्षत-विक्षत घर से कुछ ही दूरी पर खेतों के पास झाड़ी से बरामद हुआ था। इतना ही नहीं गुलदार ने 15 अगस्त को ध्वजारोहण करने गए ग्रामीणों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। गुलदार के हमले से डरे-सहमे ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने क्षेत्र में न सिर्फ गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था बल्कि मशहूर शिकारी जॉय हुकिल को भी तैनात किया था। जिसमें यह गुलदार बीती रात कैद हो गया। जिसे अब चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है।
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