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अल्मोड़ा

उत्तराखंड के शहीद सूरज सिंह व सुरजीत सिंह का पार्थिव शरीर पंहुचा उनके पैतृक गांव, उमडा जन सैलाब

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पुरे उत्तराखंड में कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक सहादत की खबर से जहाँ शोक की लहर दौड़ चुकी है वही आज दस गढ़वाल राइफल के जवान सुरजीत सिंह (30) का शव आज सुबह पैतृक स्यूंण गांव पहुंच गया। बता दे की जम्मू के पलावाला सेक्टर में अभ्यास सत्र के दौरान हुए एक धमाके में शहीद दस गढ़वाल राइफल के जवान सुरजीत सिंह (30) का शव आज सुबह पैतृक स्यूंण गांव पहुंच गया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। शव जैसे ही गांव पंहुचा ग्रामीण शोकग्रस्त हो गए। वही शहीद की मां और परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। माँ तो बहुत बार बेहोश भी हो चुकी है , पडोसी परोजनो को सांत्वना दे रहे है।

शहीद सुरजीत सिंह बाए से व सूरज भाकुनी दाए से




स्यूंण गांव निवासी सुरजीत सिंह वर्ष 2008 में सेना में शामिल हुए थे। शहीद सुरजीत सिंहवह इन दिनों जम्मू की अखनूर तहसील के पलावाला सेक्टर में तैनात थे। शनिवार को हुए अभ्यास सत्र के दौरान एक धमाके में वह शहीद हो गए। उनके पिता प्रेम सिंह की मौत दो दशक पूर्व हो गई थी, जबकि एक वर्ष पूर्व शहीद की पत्नी की भी मौत हो गई थी। शहीद की दो शादीशुदा बहनें भी हैं। घर में मां विशेश्वरी देवी और बड़ा भाई महावीर राणा रहते हैं। भाई महावीर गांव में ही मेहनत मजदूरी करता है। घर की पूरी जिम्मेदारी सुरजीत के कंधे पर ही थी और वह कुछ समय पहले ही छुट्टी लेकर गांव आये हुए थे। शहीद का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से जौलीग्रांट देहरादून लाया गया। जहां से सड़क मार्ग से पार्थिव शरीर को पैतृक गांव ले जाया गया है।  पैतृक गांव में शहीद के पार्थिव सरीर की खबर सुन माँ बदहवाश हो जा रही है ,उत्तराखंड के दो वीर जवानो की सहादत से पूरी देवभूमि शोक में डूबी हुई है।साथ ही अल्मोड़ा के शहीद सूरज सिंह भाकुनी का पार्थिव शरीर भी अल्मोड़ा पहुंच चूका है। ,जिन्हे आर्मी ग्राउंड में सलामी दी गयी। सलामी देने के बाद पार्थिव शरीर उनके गांव भनोली के लिए रवाना हो चूका है।




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