खाली हाथ घर वापस लौट रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, बिना राशनकार्ड (ration card) के भी मिलेगा राशन..
प्रवासी उत्तराखण्डियों का घर वापसी का सिलसिला जारी है। देश के विभिन्न राज्यों से खाली जेब लौट रहे परेशान प्रवासियों की हरसंभव मदद कर रही है। राज्य सरकार का सबसे पहला प्रयास यही है कि राज्य में कोई भी भूखा ना सोए, इसी के तहत सरकार अब घर लौट रहे प्रवासियों के लिए राशन की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है। जिसके मुताबिक यदि प्रवासियों के पास किसी अन्य राज्य का भी राशन कार्ड (ration card) है तो उन्हें भी केन्द्र सरकार की वन नेशन वन कार्ड योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड के ‘सफेद’ व ‘गुलाबी’ राशन कार्ड की तरह ही लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार प्रवासियों को राशन किट भी उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने सभी जिला पूर्ति अधिकारियों तथा जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए प्रवाशियों के कार्ड सम्बंधी डाटा को संकलित करने को कहा है।
किसी अन्य प्रदेश के राशन कार्ड से भी मिलेगा राशन, राशन किट भी देगी राज्य सरकार:-
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में कोई भी भूखा ना सोए। इसी के तहत जहां अभी तक विभिन्न राज्यों के प्रवासियों को सरकार द्वारा राशन किट उपलब्ध कराई गई थी वहीं मुख्यमंत्री ने अब प्रवासी उत्तराखण्डियों को भी राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रवासियों के पास राशन कार्ड हो या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, सभी को राशन उपलब्ध कराया जाएगा। यदि प्रवासियों के पास राशन कार्ड (ration card) है तो उन्हें वन नेशन वन कार्ड के तहत राशन दिया जाएगा। परंतु यदि प्रवासियों के पास राशन कार्ड नहीं भी हैं तब उन्हें आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत प्रति यूनिट पांच किलो चावल और एक किलो दाल निशुल्क दी जाएगी।