जिलाधिकारी सविन बंसल (DM Savin Bansal) ने पेश की मानवता की मिशाल, पढ़ाई के बीच आयी गरीबी तो छात्रा के खाते में डलवाए 59716 रूपए..
नेकी, दया, मदद, मानवता, परोपकार या फिर इंसानियत ये कहने को तो बहुत छोटे से शब्द है परन्तु यही चंद शब्द हमें समाज के प्रति अपने दायित्वों और जीवन के मूल्यों से परिचित कराते रहते हैं। हमें समय-समय पर नेकी के ऐसे उदाहरण मिलते रहते हैं जिन्होंने कई लोगों का जीवन ही बदल दिया हों। किसी के प्राणों की रक्षा की हो या फिर किसी का भविष्य ही सवार दिया हो। नेकी की एक ऐसी ही मिशाल आज नैनीताल जिले के जिलाधिकारी सविन बंशल (DM Savin Bansal) ने पेश की है जिन्होंने एक गरीब छात्रा को आर्थिक मदद प्रदान कर उसके भविष्य को संवारने का सराहनीय कार्य किया है। बालिकाओं को शिक्षा के लिए हमेशा प्रेरित करने वाले डीएम बंशल ने सोमवार को छात्रा के अंतिम वर्ष की फीस 59716 रूपए देकर न केवल मानवता के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन किया बल्कि अपने इस कार्य से वह अन्य लोगों के भी प्रेरणास्रोत बने। डीएम के इस सराहनीय कार्य की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
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बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है छात्रा, पिता ने बैंक से लोन लेकर दिलवाया था बीटेक में प्रवेश:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के कोटाबाग के आंवलाकोट में रहने वाली कनिका जोशी एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। चार भाई बहनों में सबसे बड़ी कनिका के पिता एक किसान है लेकिन उन्होंने अपने बच्चों कि शिक्षा-दीक्षा में इस गरीबी को आड़े नहीं आने दिया। बैंक से लोन लेकर कनिका का सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़ में एडमिशन कराया, जहां वह वर्तमान में अंतिम वर्ष की छात्रा है। कोरोना वाइरस के कारण हुई लाकडाउन ने पहले से गरीब कनिका के परिवार की आर्थिक स्थिति को इतना खराब कर दिया कि उसके पिता कनिका के कालेज की फीस भरने में भी असमर्थ होने लगे। पढ़ाई छूटने के डर से, थक-हारकर कनिका ने सोशल मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी सविन बंशल से मदद की गुहार लगाई। जिलाधिकारी ने भी उसकी मदद कर न केवल उसकी पढ़ाई छूटने से बचाई बल्कि उसे एक सुरक्षित भविष्य भी प्रदान किया। जिलाधिकारी ने बीते सोमवार को कनिका के खाते में 59716 रूपए डलवाए, जिसके लिए कनिका उनका बार-बार धन्यवाद कर रही है।
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